- दिसंबर 2021 में इतना ही बालू 3000 रुपये में मिलता था
Ranchi (Nitesh Ojha) : राजधानी में बालू के दाम में पिछले 15 दिनों में काफी कमी आ गई है. बाजार विशेषज्ञों की मानें तो अभी भाव में कुछ और कमी हो सकती है. बालू के दाम में कमी का कारण हेमंत सरकार के उस निर्देश को माना जा रहा है, जिसमें कहा गया था कि पुलिस किसी भी बालू गाड़ी को नहीं पकड़ेगी. इसके अलावा बंगाल से बालू की निरंतर आपूर्ति भी हो रही है. हालांकि बालू की मांग में बढ़ोतरी नहीं हुई है. ऐसे में व्यापारियों को कम दाम में बालू बेचना पड़ रहा है. राशि को देखें, तो आज एक टर्बो वाहन पर लदे बालू का शुल्क 8500 रुपये लिया जा रहा है. 15 दिन पहले इसका रेट 12,000 रुपये तक था. हालांकि यह दर दिसंबर 2021 की दर से अभी भी दोगुना है. दिसंबर 2021 तक एक टर्बो बालू की दर 3000 रुपये तक थी. यानी वर्तमान 8500 रुपये की तुलना में दोगुना कम.
अभी भी दोगुना दाम लिया जा रहा है- चौधरी ट्रेडर्स
हरमू मुक्ति धाम पुल के पास बालू का व्यापार कर रहे चौधरी ट्रेडर्स का कहना है कि वर्तमान में चार चक्का टेंपो ढोने वाले बालू का दाम 1200 से 1300 रुपये वसूला जा रहा है. दिसंबर 2021 की तुलना में यह दर दोगुनी है. उस समय इसका दाम 600 रुपये तक था. 10 चक्का वाले हाइवा पर लदे बालू का दाम अभी 35,000 रुपये तक जा रहा है. यह दर 15 दिनों पहले 45,000 रुपये तक थी. दिसंबर 2021 तक यह दर 15,000 से 16,000 रुपये तक का थी. यानी अभी एक हाइवा बालू देने में करीब दोगुना दाम लिया जा रहा है.
पुलिस द्वारा वाहन जांच नहीं करने का सरकार का है आदेश
हरमू टोंगरी टोली, जतरा मैदान में बालू का काम कर रहे व्यापारी ने बताया कि दाम में कमी का कारण पुलिस द्वारा वाहन जांच नहीं करने का सरकार का आदेश है. बजट सत्र में पुलिस द्वारा बालू लदे वाहनों से शुल्क लेने के विरोध में पक्ष और विपक्ष के सदस्य एकजुट हुए थे. सभी ने कहा था कि पुलिस लगातार लोगों को प्रताड़ित कर रही है. इससे बालू के दाम में काफी बढ़ोतरी हो रही है. जिस पर सरकार ने आदेश जारी किया. हालांकि थानों द्वारा शुल्क सीधे तो नहीं लिया जा रहा है, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से अभी भी वसूली बंद नहीं हुई है.
बंगाल से आने से दाम में कमी
बिरसा चौक के पास काम कर रहे बालू व्यापारियों ने कहा, दाम में कमी का एक और कारण बंगाल के रास्ते बालू का लगातार आपूर्ति होना है. राज्य में नदियों से बालू उठाव पर अभी एनजीटी की रोक है. वहीं, अभी भी बालू घाटों का टेंडर कार्य पूरा नहीं हो पाया है. इससे अगर यार्ड में बालू की कमी भी है, तो इसे बंगाल से आने से यह कमी पूरी हो रही है.
बालू की मांग में बढ़ोतरी नहीं हो पायी है- राजेश रंजन
दामों में कमी को लेकर झारखंड बालू एसोसिशन के उपाध्यक्ष राजेश रंजन का कहना है कि भले ही बंगाल से बालू लगातार आ रहा हो, लेकिन कुछ माह पहले निर्माण कार्य जो बंद था, वह अबतक शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में बालू की मांग में बढ़ोतरी नहीं हो पायी है. जिससे व्यापारियों को कम दाम पर बालू बेचना पड़ रहा है.
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