Lagatar Desk: उन्नाव से भयावह तस्वीरें सामने आई हैं. यहां बुधवार को बारिश के बाद उफानई गंगा किनारों पर दफ्न किये गए करीब पांच सौ शव बाहर निकल आये हैं. कोरोना काल में इतना बड़ा श्मशान घाट शायद ही पहले बना हो. प्रशासन आनन-फानन में इन शवों से कफन हटाने लगा. जिसके कुछ देर बाद ही इन शवों को बालू में दफनाने का खेल शुरु हो गया.मिली जानकारी के अनुसार पैसे की कमी और अंतिम संस्कार में होने वाले खर्च न कर पाने वाले गांव वालों ने अपने परिजनों के शव गंगा किनारे बगैर हिंदू रीति-रिवाज से करना शुरु कर दिया था.
खुले में मिले शव
उन्नाव के बक्सर घाट पर भी बड़ी संख्या में शवों को दफना कर अंतिम संस्कार किया गया है. जिस जगह पर दफना कर अंतिम संस्कार किया गया है वो पट्टी अब पूरी तरह से गंगा की धारा से घिर चुकी है. आस पास के इलाके के कुत्ते भी उसी क्षेत्र में मंडराते दिख रहे हैं. कई शव अब खुल भी चुके हैं. जो आगे चलकर संक्रमण का खतरा बन सकते हैं.
जानकारी के अनुसार मौत होने पर गांव वालों ने गंगा नदी के किनारे ही अपनों के शव को दफना दिया. शुक्लागंज हाजीपुर के रौतापुर गंगा घाट पर रेत में कब्रगाह देख हर कोई चौंक गया है. कहा जा रहा है कि श्मशान घाट पर लकड़ियां कम पड़ने और महंगी मिलने के कारण लोगों ने हिंदू रीति-रिवाजों को छोड़कर शवों को दफनाना शुरू कर दिया है. रौतापुर घाट पर पिछले बीस दिनों से यही देखने को मिल रहा है. दूरदराज से आने वाले लोग शवों को दफन कर रहे हैं.