NewDelhi : केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) में न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिब्यूनल सुधार एक्ट (Tribunal Reforms Act) और नियुक्तियों को लेकर कड़ी नाराजगी जताने के पांच दिन बाद इस पर मुहर लगायी है. सुप्रीम कोर्ट ने छह सितंबर को केंद्र द्वारा ट्रिब्यूनल के सदस्यों को नियुक्त नहीं करने के तरीके पर असंतोष व्यक्त करते हुए फटकार लगाई थी.
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तीन सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने नाराजगी जताई थी
ट्रिब्यूनल सुधार एक्ट और ट्रिब्यूनल में चेयरमैन एवं सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने पर चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि केंद्र सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है. हमें लगता है कि केंद्र इस अदालत के फैसलों का कोई सम्मान नहीं करता. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को ट्रिब्यूनल में नियुक्तियों के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी थी.
खबर है कि केंद्र ने शनिवार को NCLT और ITAT में न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी. सरकार ने एनसीएलटी में 18 सदस्यों की नियुक्ति के प्रस्ताव पर मुहर लगायी है, जिसमें आठ न्यायिक सदस्य और 10 तकनीकी सदस्य शामिल हैं.
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छह न्यायिक सदस्य और सात लेखाकार सदस्य हैं
आठ न्यायिक सदस्यों में जस्टिस तेलप्रोलू रजनी (जज, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट), जस्टिस प्रदीप नरहरि देशमुख (बॉम्बे उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश), जस्टिस एस रामाथिलगम (पूर्व जज, मद्रास उच्च न्यायालय), धरमिंदर सिंह (पीठ अधिकारी, डीआरटी-3 दिल्ली), हरनाम सिंह ठाकुर (सेवानिवृत्त रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय), पी मोहन राज (रिटायर जिला जज, सलेम, तमिलनाडु), रोहित कपूर (अधिवक्ता) और दीप चंद्र जोशी (जिला जज) शामिल हैं.
केंद्र के अनुसार नियुक्तियां पांच साल की अवधि के लिए या जब तक ये सदस्य 65 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेते, जो भी पहले हो, तब तक के लिए की गयी हैं. केंद्र ने आइटीएटी में भी सदस्यों की नियुक्ति की है. इनमें छह न्यायिक सदस्य और सात लेखाकार सदस्य हैं.