New Delhi : घरेलू बाजार में चीनी की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर केंद्र सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. चीनी के एक्सपोर्ट पर नकेल कसने के लिए सरकार एक्सपोर्ट की लिमिट तय कर सकती है. माना जा रहा है कि सरकार इस सीजन में 10 मिलियन टन चीनी का एक्सपोर्ट लिमिट तय कर सकती है. अगर ऐसा हुआ तो छह सालों में ये पहला मौका होगा, जब सरकार चीनी के निर्यात पर किसी प्रकार की बंदिशें लगाएगी.
चीनी की कीमतों में उछाल
उपभोक्ता मंत्रालय के प्राइस मॉनिटरिंग डिविजन के मुताबिक 23 मई को घरेलू बाजार में चीनी का औसत मूल्य 41.58 रुपये प्रति किलो था. वहीं अधिकत्तम मूल्य 53 रुपये प्रति किलो, तो न्यूनत्तम मुल्य 35 रुपये प्रति किलो है.
महंगाई पर नकेल कसने की तैयारी
मोदी सरकार पहले ही गेहूं और आटा की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर गेहूं के निर्यात पर रोक लगा चुकी है. अब चीनी के दामों में घरेलू बाजार में उछाल देखने को मिल रहा है, तो सरकार चीनी के निर्यात पर बंदिशें लगाने पर विचार कर रही है. जिसकी घोषणा जल्द किए जाने की उम्मीद है.
भारत है दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर
भारत दुनिया में चीनी का सबसे उत्पादक देश है. वहीं ब्राजील सबसे बड़ा एक्सपोर्टर देश है, उसके बाद भारत का नंबर आता है. दरअसल अक्टूबर 2021 से लेकर अप्रैल 2022 के बीच भारत ने 71 लाख टन चीनी का एक्सपोर्ट किया है, जो कि 64 फीसदी ज्यादा है. मई महीने में 8 से 10 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट किए जाने की संभावना है. 2021-22 में 90 लाख चीनी एक्सपोर्ट किए जाने के आसार हैं. जबकि इससे पहले वर्ष में करीब 72 लाख टन चीनी का एक्सपोर्ट किया गया था.
चीनी कंपनियों के शेयरों में गिरावट
चीनी के निर्यात पर अंकुश लगाने की खबरों के बीच चीनी उत्पादन करने वाली कंपनियों के शेयरों की जबरदस्त पिटाई हुई है. डालमिया भारत सुगर के शेयर में 6.99 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है, तो शक्ति सुगर्स के शेयर में 6.30 फीसदी, श्री रेणुका सुगर्स के सेयर में 6.66 फीसदी, बलराम चीनी के शेयर में 4.94 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
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