Lagatar Desk : शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही तीनों कृषि कानून वापसी बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है. जिसे किसानों की जीत के तौर पर देखा जा रहा है. सत्र शुरू होते ही लोकसभा में वापसी बिल पास किया गया. जिसके बाद विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और सदन को स्थगित हो गयी. लोकसभा में पास होने के बाद यह कृषि कानून वापसी बिल राज्यसभा में भी पास कर दिया गया.
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किसान बाकी मांगों को लेकर रणनीति बनायेंगे
दोनों सदनों में बिल पास होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का यह आंदोलन जारी रहेगा. बाकी मांगों को लेकर किसान यूनियन चार दिसंबर को रणनीति तैयार करेंगे. एमएसपी समेत तमाम अन्य मुद्दों पर चर्चा के बिना किसान आंदोलन नहीं खत्म करेंगे.
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सत्र के शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया
सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ. सत्र की शुरूआत हंगामे के साथ ही हुई. सत्र शुरू होते ही लोकसभा और राज्यसभा नये सदस्यों को शपथ दिलायी गयी, इसके बाद जिन सांसदों का निधन हो गया है उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. वहीं लोकसभा में हंगामे के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों की वापसी का बिल सदन में पेश किया, जो पास हो गया.
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विपक्ष कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग कर रहा था
कृषि मंत्री के बिल पेश करने के दौरान विपक्ष हंगामा कर रहा था, साथ ही विपक्ष कृषि कानून बिल वापसी पर चर्चा की मांग को हंगामा कर रहा था. एक ओर विपक्ष कृषि कानूनों की वापसी बिल पर चर्चा की मांग पर अड़ाे थे. पर सरकार इसपर चर्चा करने के मूड में नहीं थी. सरकार का कहना है कि जब पीएम मोदी इसे लेकर खुद माफी मांग चुके हैं, तो फिर इसपर चर्चा किस बात की.
वहीं सदन में कांग्रेस ने MSP की गारंटी पर कानून बनाने की मांग की. साथ ही किसान आंदोलन में मारे गये किसानों के परिजनों को मुआवजा की मांग भी की. इसके अलावा कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर भी चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया. वहीं राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस, आप और माकपा ने स्थगन प्रस्ताव दिया.
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सत्र से पहले पीएम ने दिया सुझाव
सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि संसद का ये सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है. कहा कि देश इस समय आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. देश की चारों दिशाओं में अमृत महोत्सव से बना रचनात्मक, सकारात्मक, जनहित के साथ राष्ट्रहित के लिए नागरिक कई तरह से कार्यक्रम कर रहे हैं. साथ ही इसके लिए कदम भी उठा रहे हैं.
पीएम ने कहा कि पिछले दिनों संविधान दिवस को भी नए संकल्प के साथ मनाया. भारत के संसद का ये सत्र आगे भी आजादी के अमृत महोत्सव का जो स्पिरिट है, उसके अनुसार ही संसद में भी देश में चर्चा करें. साथ ही पीएम ने कहा कि देश की प्रगति के लिए लोग रास्ता खोजें.
पीएम ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि भविष्य में संसद को कैसा चलाया जाए, इसमें कितना अच्छा योगदान किया, इनसब को तराजू पर तौला जाए ना कि इसपर ध्यान दिया जाए कि किसने कितना जोर लगाकर संसद के सत्र को रोक दिया. मानदंड कतो ये होगा कि संसद में कितना सकारात्मक काम किया गया.
इससे आगे पीएम ने कहा कि सरकार हर विषय पर खुली चर्चा के लिए तैयार है. हर सवाल के जवाब के लिए भी तैयार है. साथ ही कहा कि अमृत महोत्सव में हम ये चाहेंगे कि संसद में सवाल भी हों और साथ ही शांति भी बनी रहे. संसद और स्पीकर की गरिमा को ध्यान में रखकर आचरण करें ताकि युवा पीढ़ी के ये काम आए.
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