Amit Singh
Ranchi: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के रुक्का प्रमंडल (स्वर्णरेखा शीर्ष कार्य प्रमंडल) में करोड़ों रुपए की वित्तीय धोखाधड़ी हुई है. वर्ष 2022-23 और 2023-24 में कुल 64 चेक से 20 करोड़ की संदिग्ध निकासी कर भुगतान किया गया है. राशि की निकासी रांची कोषागार द्वारा अनावंटित डीडीओ कोड (आरएनसीडब्लयूएसएस0017) से की गई है. जो झारखंड सरकार के बिलिंग एकाउंटिंग पोर्टल डब्ल्यूएएमआईएस (डब्ल्यूएएमआईएस) पर मेनटेन नहीं है. वहीं कुबेर पोर्टल (राज्य सरकार का सॉफ़्टवेयर) में अनावंटित दिख रहा है. एजी (एकाउंटेंट जेनरल) की जांच में इन तथ्यों का खुलासा हुआ है. एजी ने अपनी रिपोर्ट (142/2 जनवरी 2024) वित्त विभाग को भेज दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल चार चेक जारी किए गए. सारे चेक 9 मार्च 2023 से 29 दिसंबर 2022 के बीच जारी हुए. इसके जरिए 2.30 करोड़ की निकासी हुई. वर्ष 2023-24 में कुल 60 चेक से 17.68 करोड़ की निकासी कर भुगतान किया गया है. यह निकासी डीडीओ कोड (आरएनसीडब्लयूएसएस0017) से हुई है. यह कोड चंद्रशेखर (ईईडीडब्ल्यू एंड एसएसएचडब्लयू) के नाम आवंटित है. चंद्रशेखर, रुक्का प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता है. रिपोर्ट के मुताबिक जिस कोड से राशि की निकासी व भुगतान किया गया है, उसका हिसाब पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट द्वारा नहीं किया गया जा रहा है, जो संदिग्ध धोखाधड़ी का संकेत देता है.
संदिग्ध डीडीओ कोड प्रतिबंधित करने का निर्देश
एजी ने जांच में पाया है कि दिसंबर 2022 से नवंबर 2023 की अवधि के दौरान 20 करोड़ से ज्यादा का संदिग्ध भुगतान कार्यपालक अभियंता (ईई) के कोड से किया गया है. जिला कोषागार, रांची द्वारा संबंधित पीडब्ल्यूडी डिवीजन को जारी किए गए भुगतान प्रमाणपत्र में दर्ज राशि, जो पीडब्ल्यूडी डिवीजन द्वारा प्रस्तुत फॉर्म 51 के साथ प्राप्त हुई है, जो 64 चेक की सूची से पूरी तरह मेल नहीं खा रहे हैं. एजी ने सरकार से अनुशंसा की है कि जिन बैंक खातों में डीडीओ कोड (आरएनसीडब्लयूएसएस0017) के तहत भुगतान किया गया है, उन बैंक खातों से अनधिकृत निकासी को रोकने के लिए तुरंत प्रतिबंधित किया जाए. एजी ने कहा है कि उक्त डीडीओ कोड को कुबेर पोर्टल में अनअलॉटेड के रूप में दिखाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ ट्रेजरी अधिकारी उक्त अनअलॉटेड डीडीओ कोड के खिलाफ भुगतान को अधिकृत कर रहे है, यह भी गंभीर है.
एकाउंटेंट निलंबित, थाने में मामला दर्ज
एजी की रिपोर्ट मिलने से पहले भी विभाग को रुक्का प्रमंडल में वित्तीय धोखाधड़ी के बारे में जानकारी मिल गई थी. 28 दिसंबर 2023 को प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता चंद्रशेखर ने इस बारे में विभाग के अभियंता प्रमुख को पत्र लिख कर मामले की जानकारी दी थी. उस पत्र में कहा गया था कि लार्सन एंड टूब्रो कंपनी की जगह किसी अन्य को 1.32 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है. इसके लिए फ़र्ज़ी आईडी बनाया गया है. इसलिए मामले की जांच होनी चाहिए. कार्यपालक अभियंता के पत्र के बाद विभाग ने वित्त विभाग को पत्र लिखा था. साथ ही रुक्का प्रमंडल के एकाउंटेंट संतोष कुमार को निलंबित कर दिया गया था. इस मामले में सदर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है.
ईई जांच के अनुसार कब हुई कितनी निकासी
चेक संख्या दिनांक राशि
119204 23.03.2020 88,64,958 रु.
119241 30.03.2020 42,30,521 रु.
119219 17.03.2020 57,42,031 रु.
119220 12.03.2020 8.04,134 रु.
119224 12.03.2020 24,28,291 रु.
119223 13.03.2020 49,80,900 रु.