LagatarDesk : हाल ही में एयर इंडिया के 45 लाख यात्रियों का निजी डेटा लीक हुआ था. डेटा लीक होने के बाद एक यात्री रितिका हांडू ने एयर इंडिया से मुआवजे की मांग की है. रितिका के वकील ने एयर इंडिया प्रबंधन को एक कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस में लिखा है कि कंपनी ने उन्हें एक जून को ‘डेटा लीक’ के बारे में सूचित किया था. एयर इंडिया ने मेल में कहा था कि एयर इंडिया के यात्री सेवा प्रणाली प्रदाता (एसआईटीए) ने इस साल फरवरी में एक साइबर हमले का सामना किया था, जिसके कारण दुनिया भर के 45 लाख यात्रियों का पर्सनल डेटा लीक हो गया था. इसमें एयर इंडिया के यात्रियों का भी डेटा शामिल था.
रितिका हांडू ने कंपनी से 30 लाख का मांगा मुआवजा
रितिका हांडू ने अपने नोटिस में एयर इंडिया पर जानबूझकर व्यक्तिगत डाटा लीक करने का और संवेदनशील जानकारी का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. यात्री ने एयर इंडिया से इसके लिए 30 लाख का मुआवजा मांगा है.
फरवरी में हुई थी यात्रियों का पर्सनल डेटा चोरी
एयर इंडिया के डेटा सेंटर पर साइबर अपराधियों ने हमला किया था. यह हमला फरवरी 2021 में हुआ था. लेकिन एयर इंडिया ने इसकी जानकारी मई में दी थी. बता दें कि साइबर अपराधियों ने करीब 45 लाख यात्रियों की पर्सनल डिटेल चोरी की थी. इनमें देश और विदेश के यात्रियों के क्रेडिट कार्ड, और पासपोर्ट से जुड़ी जानकारियां शामिल थीं.
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3 महीने बाद कंपनी ने किया था डेटा लीक का खुलासा
एयरलाइंस ने कहा था कि उन्हें डाटा प्रोसेसर से 25 फरवरी 2021 को डेटा लीक होने की पहली बार जानकारी मिली थी. लेकिन एयर इंडिया ने लगभग तीन महीने बाद इस डेटा चोरी का खुलासा किया है.
अगस्त 2011 से फरवरी 2021 तक का डेटा हुआ था चोरी
साइबर अपराधियों ने अगस्त 2011 और फरवरी 2021 के बीच का डेटा चुराया था. साइबर अपराधियों ने पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड के साथ यात्री के नाम, जन्म तिथि, कॉन्टैक्ट से जुड़ी जानकारियां और टिकट की जानकारियां भी शामिल थीं.
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एयर इंडिया पर नियमों के उल्लंघन का आरोप
कंपनी की ‘कस्टमर केयर’ डेटा गोपनीयता नीति में लिखा गया है कि सभी ग्राहक अपने डेटा पर नियंत्रण रख सकते हैं. ताकि आपके रिकॉर्ड में व्यक्तिगत जानकारी को बदल सकें. लेकिन अब यात्रियों का पर्सनल डेटा पर कोई नियंत्रण नहीं है क्योंकि यह चोरी हो गयी है. यह गोपनीयता के अधिकार और भूल जाने के अधिकार का उल्लंघन है. साथ ही डेटा के दुरुपयोग का भी खतरा है.
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