New Delhi : एयर इंडिया को टाटा समूह को सौंप दिया गया है. सरकार ने 27 जनवरी को विनिवेश प्रक्रिया को पूरा करने का फैसला किया था. सचिव तुहिन कांत पांडे और टाटा चेयरमैन चंद्रशेखर ने बयान दिया कि एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एयर इंडिया को टाटा समूह को आधिकारिक रूप से सौंपे जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बता दें कि टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने पिछले साल एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की एयर इंडिया में भारत सरकार की 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी हासिल करने की बोली जीती थी. टैलेस टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है.
टाटा ने इस सर्विस से कर दी शुरुआत
टाटा समूह ने आज से एयर इंडिया के डेली ऑपरेशन में योगदान शुरू कर दिया है. कंपनी ने इसकी शुरुआत चार फ्लाइट में Enhanced Meal Service के साथ की है. बाद में यह सर्विस अन्य उड़ानों में भी शुरू की जायेगी. अभी यह चार उड़ानों AI864, AI687, AI945 और AI639 में शुरू हुई है.
Shri N Chandrasekaran, the Chairman of Tata Sons called on PM @narendramodi. @TataCompanies pic.twitter.com/7yP8is5ehw
— PMO India (@PMOIndia) January 27, 2022
वित्त निदेशक ने एयर इंडिया कर्मियों से मांगा सहयोग
इससे पहले एयर इंडिया के निदेशक वित्त विनोद हेजमादी ने कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में कहा कि 20 जनवरी को खत्म होने वाली बैलेंस शीट 24 जनवरी को टाटा को सौंपी जानी है, ताकि टाटा इसकी समीक्षा कर सके. हेजमादी ने 24 जनवरी को एक बयान में कहा, एयर इंडिया ने विनिवेश में सहायता करने को लेकर अब तक उत्कृष्ट काम किया है. उन्होंने कहा, हमारे विभाग के लिए अगले तीन दिन व्यस्त होंगे. कर्मचारियों का आह्वान करते हुए हेजमादी ने कहा, ‘मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि हम विनिवेश से पहले इन अंतिम तीन-चार दिनों में अपना सर्वश्रेष्ठ दें.’ कर्मचारियों से सहयोग मांगते हुए हेजमादी ने कहा, हमें जो काम दिया गया है उसे पूरा करने के लिए हमें देर रात तक काम करना पड़ सकता है. मैं सभी का सहयोग चाहता हूं. एयर इंडिया की कमान मिलने के बाद चेयरमैन एमिरेटस रतन टाटा ने ट्वीट कर लिखा कि वेलकम बैक एयर इंडिया.
It is indeed noteworthy that the disinvestment process of @airindiain has been brought to a successful conclusion in a time-bound manner. This proves the govt’s ability, and the resolve to carry out disinvestment effectively in non-strategic sectors in the future.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) January 27, 2022
एयरलाइन के नये मालिकों को शुभकामनाएं
कैबिनेट मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बारे में Tweet किया. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया तय समय में पूरी हो गई है और यह ध्यान देने योग्य है. इससे सरकार की क्षमता और आने वाले समय में गैर-रणनीतिक क्षेत्रों का प्रभावी तरीके से विनिवेश करने के संकल्प का पता चलता है. एक अन्य Tweet में मंत्री ने रतन टाटा को टैग करते हुए बधाई दी. उन्होंने लिखा, एयरलाइन के नए मालिकों को शुभकामनाएं. मुझे भरोसा है कि उनके साये में एयर इंडिया आगे बढ़ेगी और भारत में उम्दा सिविल एविएशन इंडस्ट्री का रास्ता तैयार होगा.
पीएम के साथ मुलाकात से पहले गये एयर इंडिया हेडक्वार्टर
पीएम से मिलने से पहले टाटा संस के चेयरमैन एयर इंडिया के हेडक्वार्टर पहुंचे. एयर इंडिया हेडक्वार्टर में चंद्रशेखरन ने DIPAM सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय, पूर्व एविएशन सेक्रेटरी प्रदीप सिंह खरोला और एयर इंडिया के सीएमडी विक्रम देव दत्त से मुलाकात की.
टाटा को लोन देने के लिए तैयार ये बैंक
इससे पहले एयर इंडिया के लिए टाटा समूह को लोन देने पर कई बैंकों का एक समूह सहमत हो गया है. एसबीआई की अगुवाई वाले इस समूह में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल हैं. ये बैंक टर्म लोन के साथ ही ऑपरेटिंग कैपिटल के लिए भी लोन देने को तैयार हैं. यह लोन टाटा समूह की Talace Private Limited को दिया जायेगा, जिसने एयर इंडिया की नीलामी में सफलता हासिल की है.
टाटा के सामने एयर इंडिया को कर्ज मुक्त कंपनी बनाने की चुनौती
एयर इंडिया पिछले एक दशक के दौरान भारी नुकसान में रही है. इस पर 31 मार्च 2020 तक 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था. एयर इंडिया को 2020-21 फाइनेंशियल ईयर में 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हुआ है. टाटा ने एअर इंडिया को 18 हजार करोड़ रुपये में खरीदा है. साथ ही उसे एयर इंडिया का 23 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज भी चुकाना है. टाटा के सामने सबसे बड़ी चुनौती एयर इंडिया को घाटे से उबारकर मुनामा कमाने वाली कंपनी बनाना है.
टाटा ग्रुप ने 18 हजार करोड़ में एयर इंडिया को खरीदा है
पिछले साल अक्टूबर में टाटा ग्रुप ने सरकार से एयर इंडिया की 100% हिस्सेदारी 18 हजार करोड़ रुपय में खरीदी थी. इस समझौते के तहत टाटा को एयर इंडिया का 23 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज भी चुकाना होगा. पिछले एक दशक के दौरान एयर इंडिया ने नये इंडियन एविएशन मार्केट में अपना हिस्सा तेजी से गंवाया है. एयर इंडिया अभी इंडियन एविएशन मार्केट में 11% की हिस्सेदारी के साथ तीसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर इंडिगो (48% हिस्सेदारी) और दूसरे नंबर पर स्पाइसजेट (16% हिस्सेदारी) है. टाटा के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन प्राइवेट कंपनियों की प्रतिस्पर्धा से निपटकर एयर इंडिया को टॉप पर पहुंचाने की होगी.
1932 में भरी थी एयर इंडिया ने पहली उड़ान
एयर इंडिया के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत अप्रैल 1932 में हुई थी. इसकी स्थापना उद्योगपति जेआरडी टाटा ने की थी. उस समय एयरलाइन का नाम टाटा एयरलाइंस था. इसके साथ ही आपको बता दें कि एयरलाइन की पहली कॉमर्शियल उड़ान 15 अक्तूबर 1932 को भरी गई थी. तब सिर्फ सिंगल इंजन वाला ‘हैवीलैंड पस मोथ’ हवाई जहाज था, जो अहमदाबाद-कराची के रास्ते मुंबई गया था. प्लेन में उस वक्त एक भी यात्री नहीं था बल्कि 25 किलो चिट्ठियां रखी गई थीं.
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