एंटनी ने कहा, भाजपा को सत्ता से बाहर करना है तो बहुसंख्यकों को साथ लेना होगा, भाजपा ने कहा, कांग्रेस की वोटबैंक पॉलिटिक्स सामने आयीNewDelhi : 2024 के आम चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस को बहुसंख्यक समुदाय को भी अपने साथ लेना चाहिए क्योंकि इस लड़ाई में सिर्फ अल्पसंख्यक पर्याप्त नहीं होंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी ने यह सलाह पार्टी को दी है. खबरों के अनुसार कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य एंटनी ने पार्टी के स्थापना दिवस पर एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में हिंदू बहुसंख्यक हैं.
इस बहुसंख्यक समुदाय को नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ाई में शामिल किया जाना चाहिए. इस क्रम में कहा कि सभी को 2024 के लिए तैयार रहना चाहिए और फासीवाद के खिलाफ लड़ाई में बहुसंख्यक समुदाय को अपने साथ लेना चाहिए.
Senior Congress leader AK Antony calls out Congress’ Votebank politics & its shortcomings – says Minority vote isn’t enough- Labelling Majority Hindus won’t work- will Congress pay heed & stop it’s pseudo secularism & Hindu Apman? From doubting Ram ji existence to Hindu terror… pic.twitter.com/d9mZYQEBGG
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) December 28, 2022
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कांग्रेस यदि सॉफ्ट-हिंदुत्व लाइन पर चली, तो उससे केवल मोदी को फायदा होगा
एंटनी के अनुसार जब हिंदू समुदाय के लोग मंदिरों में जाते हैं या जब वे तिलक या बिंदी लगाते हैं तो उन्हें एक सॉफ्ट हिंदुत्व विचारधारा वाले लोगों के रूप में देखा जाता है, यह सही रणनीति नहीं है. कहा कि कांग्रेस हिंदुओं के साथ-साथ अल्पसंख्यकों को भी पार्टी में लाने की कोशिश कर रही है. उनके अनुसार कांग्रेस यदि सॉफ्ट-हिंदुत्व लाइन पर चली, तो उससे केवल मोदी को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि सभी को इस पर ध्यान देना चाहिए.
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एंटनी के पैनल ने की थी 2014 में पार्टी की हार की समीक्षा
लोकसभा चुनाव (2014 )के बाद एंटनी की अध्यक्षता में एक कांग्रेस पैनल ने पार्टी की हार की समीक्षा की थी. समिति ने पाया था कि चुनावों को धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता के बीच लड़ाई के रूप में पेश करने से कांग्रेस की संभावनाओं पर असर पड़ा था, जिसे अल्पसंख्यक समर्थक के रूप में पहचाना गया था. समिति ने माना था कि पार्टी की मुस्लिम तुष्टिकरण नीति भी प्रतिकूल साबित हुई.
एंटनी ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की आलोचना की थी
एंटनी पूर्व में कई मौकों पर पार्टी की इस तरह की राजनीति पर अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं जान लें कि 2003 में मुख्यमंत्री रहते हुए, उन्होंने केरल स्थित कोझिकोड के मराड में हुई एक सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों के पुनर्वास की समय सीमा निर्धारित करने का विरोध किया था. एंटनी ने कांग्रेस के सहयोगी यूडीएफ और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की आलोचना की थी.
उन्होंने कहा था, केरल में अल्पसंख्यक समुदाय खासा संगठित हैं.
अल्पसंख्यक समुदाय राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों पर हावी
उन्होंने सरकार से खूब विशेषाधिकार और लाभ प्राप्त किए हैं. शेष भारत के उलट, यहां के अल्पसंख्यक समुदाय राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों पर हावी हैं, इसलिए उन्हें इसमें अनुमति नहीं दी जा सकती है. एंटनी के बयान को अगले वर्ष होने हुए लोकसभा चुनाव में केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की हार के कारणों में से एक माना गया. कहा गया कि एंटनी ने अल्पसंख्यक विरोधी रुख अपनाकर ठीक नहीं किया था.
भाजपा ने राहुल गांधी पर हल्ला बोला
एके एंटनी के बयान को भाजपा ने नेताओं ने तुरंत उठा लिया. जान लें कि भाजपाई ट्विटर पर वह क्लिप शेयर कर रहे हैं जिसमें एंटनी ने यह बात कही है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इसे एंटनी का कबूलनामा बताया है. उन्होंने कहा एंटनी ने कांग्रेस की वोटबैंक पॉलिटिक्स की कलई खोल कर रख दी आंध्र प्रदेश के भाजपा के नेता विष्णु वर्धन रेड्डी ने राहुल गांधी को टैग करते हुए कहा, यह बतलाता है कि क्यों राहुल गांधी खुद के जनेऊधारी ब्राह्मण होने का दावा करते हैं. आईटी सेल केअमित मालवीय ने ट्वीट किया कि कांग्रेस के लिए भारतीय, भारतीय नहीं हैं. वे बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक, हिंदू और मुस्लिम में बंटे है. मालवीय ने कहा कि एंटनी के बयान से पता चलता है कि राहुल क्यों मंदिरों के चक्कर लगाते हैं?