Lucknow. इलेक्शन कमीशन फिर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निशाने पर है. चुनाव आयोग द्वारा उस पर लगाये गये आरोपों पर सबूत मांगे जाने पर सपा मुखिया ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश यादव ने फिर एक बार निष्पक्ष चुनाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर निवार्चन आयोग ने खुद विधानसभा चुनाव 2022 में मतदाता सूची संबंधी नियमों का पालन किया होता तो हजारों मतदाता वोट डालने के अधिकार से वंचित नहीं रह जाते.
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए पूर्व में कहा था कि हर विस क्षेत्र से मुस्लिम-यादव मतदाताओं के नाम भाजपा के इशारे पर भारी संख्या में काटे गये हैं. इसी आरोप पर EC ने नोटिस जारी कर सबूत मांगा था
Azam Khan disqualified from membership of UP Legislative Assembly
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— ANI Digital (@ani_digital) October 28, 2022
भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश करती है.
सपा मुखिया पार्टी कार्यकार्ताओं को शुकवार को संबोधित कर रहे थे. बैठक में निकाय चुनाव की तैयारियों चर्चा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश और साजिश करती है. कहा कि यह निर्वाचन आयोग का दायित्व है कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से हों. उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में तमाम धांधलियां हुई हैं. इसके प्रति समाजवादी पार्टी ने लगातार आपत्ति जताई थी.कहा कि लगातार शिकायतें करने के बाद भी लखनऊ में डीआईजी लक्ष्मी सिंह का ट्रांसफर नहीं किया गया.
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लक्ष्मी सिंह के पति सरोजनी नगर क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी थे
लक्ष्मी सिंह के पति सरोजनी नगर क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी थे. कई ऐसे अधिकारी थे जो वर्षों से एक ही जगह पर थे. उनको भी नहीं हटाया गया अखिलेश यादव ने सवाल उठाते हुए फिर कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में हजारों मतदान स्थल क्यों बदल दिये गये थे. आरोप लगाया कि इस बदलाव के कारण कई मतदाता इधर-उधर भटकते रहे. कई मतदाताओं के नाम सूची में नहीं थे और मतदान में देरी करते हुए कई जगह मनमाने तरीके से मतदान करवाया गया. उन्होंने कहा कि कई पीठासीन अधिकारियों के पास मौजूद सूची और अंतिम सूची में अंतर कैसे पाया गया.
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हेट स्पीच मामले में आजम खान को तीन साल की सजा
गुरुवार को हेट स्पीच के मामले में समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई गयी थी. उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दिये जाने की खबर आयी है. शुक्रवार की शाम को यह अहम फैसला आया है. जानकारी के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने रामपुर कोर्ट से आदेश मिलने के बाद आजम खान के खिलाफ यह कार्रवाई की है.. पूर्व मंत्री की विधानसभा सदस्यता खत्म होने के बाद रामपुर विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है. अब इस सीट पर उप चुनाव होगा. अब चुनाव आयोग छह महीने के भीतर इस सीट पर उपचुनाव करायेगा.