Jamshedpur : देश की प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल एक्सएलआरआइ ने जेंडर इक्वलिटी और इंक्लूसिव लीडरशिप सेंटर की शुरुआत की है. इस सेंटर के जरिये उद्योग और शिक्षा के बीच के जुड़ाव को मजबूत किया जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों में जेंडर इन इक्वलिटी को खत्म किया जा सके और महिलाओं को भी लीडरशिप की समान भूमिका के लिए तैयार किया जा सके. एक्सएलआरआइ प्रबंधन ने अलका राजा को एक्सएलआरआइ के सेंटर फॉर जेंडर इक्वलिटी एंड इंक्लूसिव लीडरशिप (सीजीइआइएल) का नया चेयरपर्सन नियुक्त किया है. वे पहली महिला चेयरपर्सन हैं. एक्सएलआरआइ ने इसकी जानकारी विज्ञप्ति जारी कर दी है. अलका राजा पत्रकार भी रह चुकी हैं. मीडिया प्रोफेशनल के तौर पर उनकी पहचान है. साथ ही वे एक लेखिका भी हैं. एक्सएलआरआइ ने देश में महिला सशक्तीकरण की पहचान बनाने के लिए यह कदम उठाया है. लिंग अनुपात को लेकर चल रही बहस के बीच एक्सएलआरआइ ने यह क्रांतिकारी कदम उठाया है. एक्सएलआरआइ ने लिंग अनुपात में काफी अंतर होने पर चिंता जतायी है और एक आंकड़े में बताया है कि 156 देशों में लिंग अनुपात के लिहाज में भारत का रैंक 140वें स्थान पर है. इसको दुरुस्त करना सबकी जिम्मेदारी है.
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एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर पॉल फर्नांडीस ने सीजीआइएल की नयी चेयरपर्सन का स्वागत करते हुए कहा कि एक्सएलआरआइ परिवार में अलका राजा के आने से संस्थान को काफी लाभ होगा. 35 साल से अधिक अनुभव वाली महिला को संस्थान में जोड़ने से संस्था को मजबूती मिली है. निदेशक ने कहा कि सीजीईआईएल का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जो उल्लेखनीय रूप से वृद्धि करना है. अगले 5 से 10 वर्षों के भीतर कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बेहतर तरीके से सुनिश्चित हो सके, इस पर फोकस किया जायेगा. एक्सएलआरआइ की प्रोफेसर श्रेयशी चक्रवर्ती ने इस कदम की सराहना की है.
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क्या है जेंडर इक्वलिटी और इंक्लूसिव लीडरशिप सेंटर
एक्सएलआरआइ ने हमेशा से राष्ट्र में महिला सशक्तीकरण की दिशा में प्रयास किया है. जेंडर इक्वलिटी और इंक्लूसिव लीडरशिप सेंटर, महिलाओं को आर्थिक रूप से फायदेमंद गतिविधियों से जोड़ने के लिए बहुत ही सार्थक पहल माना जा सकता है. इसके जरिए देश का यह प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थान आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की बराबर भागीदारी सुनिश्चित करके समाज में बेहतर संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है. एक्सएलआरआइ एक ऐसा संस्थान है जो नैतिकता, स्थिरता और सामाजिक उद्यमिता जैसे मुद्दों पर तब से काम कर रहा है, जब इन्हें खास महत्व नहीं दिया जाता था.
कैसे काम करता है सेंटर
इस सेंटर के जरिये संस्थान भारतीय महिलाओं की रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए अपने प्रोफेशन में कामयाबी हासिल कर चुके इसके पूर्व छात्रों और उद्योग जगत के लोगों को साथ लाता है. जो एक्सएलआरआइ के साथ मिलकर इसके लिए हर मुमकिन पहल करते हैं. कोविड-19 महामारी ने लैंगिक असमानता की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है. इसलिए महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए उनकी आर्थिक गतिविधियों को बहुत ज्यादा प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. यही कारण है कि संस्थान की ओर से इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाये जा रहे हैं.