श्रीमद्भागवत कथा का समापन, लाखों श्रद्धालु हुए भंडारे में शामिल
प्रश्नों के उत्तर बच्चों को रटाने वाले स्कूलों को धिक्कार है : देवकीनंदन
Medininagar (Palamu): सनातन धर्म की रक्षा के लिए सभी हिंदू एक हों. जाति के बंधन को तोड़ दें. सनातन की रक्षा आज नहीं करेंगे तो आने वाली पीढ़ी धिक्कारेगी. उक्त बातें श्रीमद् भागवत कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कही. वे मंगलवार को स्थानीय हाउसिंग कॉलोनी गौशाला प्रांगण में परशुराम युवा वाहिनी के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के सातवें व अंतिम दिन श्रद्धालुओं को कथा सुना रहे थे. कहा कि वे दावे के साथ कह सकते हैं कि जिनके मां-बाप बच्चों को बचपन व जवानी में कथा सुनाते हैं, उनके बच्चे धर्मिक होते हैं. कभी भी अधर्मी कार्य नहीं कर सकते. देवकीनंदन ठाकुर ने पंडाल में नवीं व दसवीं वर्ग के अंग्रेजी मीडियम स्कूल के बच्चों से गणित के सरल सवाल पूछे. नहीं बताए जाने पर देवकीनंदन ने अंग्रेजी मीडियम स्कूल की लताड़ लगाई. कहा कि परीक्षा में आने वाले प्रश्न को केवल रटाने वाले स्कूल के लिए धिक्कार है. ऐसी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में अपने संतानों को पढ़ाने वाले माता-पिता भी धिक्कार के पात्र हैं. इंग्लिश मीडियम स्कूल के बच्चों को कहा जाता है- कथा में तुम क्यों जाते हो. ये क्या जाने कि कथा में चरित्र का निर्माण भी होता है.
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देवकीनंदन ने अंग्रेजी मीडियम स्कूल के रवैये पर उठाये सवाल
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि इंग्लिश मीडियम स्कूल में जिस लड़के का लड़की मित्र नहीं होती, उसे अपडेट नहीं समझा जाता. उसे दूसरी नजरों से देखा जाता है. यह कटु सत्य है. ऐसे स्कूल पापी हैं जो बच्चों का ना तो चरित्र निर्माण करते हैं और ना ही कथा के माध्यम से बच्चों को संस्कारवान होने देते. पूछा- संतानों में बचपन व जवानी में सद्गुण नहीं आएगा तो आखिर कब आएगा. सद्गुण से बचपन व जवानी दोनों सुधर जाती है. कहा कि कथा सुनने की कोई उम्र नहीं होती.
कालनेमि हिंदू से सनातन धर्म को अधिक खतरा : देवकीनंदन
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सनातन धर्म पर कुठाराघात किया जा रहा है. मंदिर, ब्राह्मण व गौ पर लक्ष्य किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में सभी सनातनियों को अपने धर्म की रक्षा के लिए एक होने की जरूरत है. नकली हिंदू वह है जो नारायण को मानते हैं लेकिन नारायण की कही हुई बातें नहीं मानते. इस तरह के कालनेमि हिंदू से सनातन को अधिक खतरा है. श्रीमद् भागवत कथा की चर्चा करते हुए देवकीनंदन ने कहा कि पराई स्त्री के साथ घूमने वाले पुरुष नर्क को प्राप्त होते हैं. नर्क में भारी कष्ट दिए जाते हैं. कहा कि जीवन नारायण के कानून से चलता है. नारायण के कानून को कोई नहीं बदल सकता. देवकीनंदन ठाकुर कहा कि चरित्रहीन नहीं, चरित्रवान बनें.
भागवत कथा नारायण से साक्षात्कार : देवकीनंदन ठाकुर
देवकीनंदन ने कहा कि श्री कृष्ण भगवान का लोग मजाक उड़ाते हैं. कहते हैं 16108 युवतियों से शादी की हैं. लेकिन कोई जाना कि ऐसा क्यों हुआ. भोमासुर ने इतनी कन्याओं का हरण कर बंदी बनाया था. कृष्ण ने भोमासुर का वध किया. कन्याओं ने कृष्ण से कहा कि वह सभी घर कैसे जाएं. कौन उन्हें स्वीकार करेगा. ऐसे में उन सभी कन्याओं से श्री कृष्ण ने विवाह किया. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि अर्जुन पांडेय, उषा पांडेय, विपिन, अभिषेक, डा. ऋचा, पुत्रवधू संजना पांडेय, परशुराम युवा वाहिनी के अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी समेत समिति के सभी सदस्यों ने बेहतर ढंग से भागवत पुराण कथा कार्यक्रम का आयोजन कराया व नारायण से साक्षात्कार कराने का अवसर पलामू प्रमंडल वासियों को दिलाया है. ये प्रमंडलवासियों को सच्चा सनातनी बनाने का बहुत बड़ा प्रयास किया. गुरु पांडेय की बहू संजना पांडेय ने देवकीनंदन द्वारा सात दिनों तक पलामू प्रमंडलवासियों को कथा ज्ञान से लाभान्वित कराने पर आभार प्रकट किया. कहा कि वे सभी कथा में कही बातें अपने जीवन में उतारेंगे. साथ ही सनातन के विकास के लिए ऐसे मुहिम को आगे बढ़ाएंगे. कार्यक्रम का संचालन आशीष भारद्वाज ने किया.
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देवकीनंदन ठाकुर ने निकाली सनातन यात्रा
श्रीमद् भागवत कथा समाप्ति के बाद देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन यात्रा निकाली. सनातन यात्रा एक खुले कार में देवकीनंदन सवार हुए और यज्ञ परिसर का भ्रमण किया. सनातन यात्रा में उनके साथ बड़ी संख्या में स्त्री पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए. साथ ही सनातन को बचाने के लिए ओजपूर्ण नारे लगाए. इसके पहले देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि काशी लिया. रामजन्म भूमि लिया. मथुरा में कृष्ण मंदिर निर्माण व जामा मस्जिद की सीढ़िया में दबे कृष्ण की विग्रह को निकालकर मंदिर में स्थापित करने के लिए उनका साथ दें.