New Delhi : अग्निपथ योजना के बारे में स्थिति की जानकारी देने के लिए तीनों सेना प्रमुखों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की. इस बैठक में आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडेय, नेवी चीफ ऐडमिरल आर हरि कुमार और एयर चीप मार्शल वीआर चौधरी मौजूद थे. सबसे पहले नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार पीएम आवास पहुंचे. नौसेना प्रमुख से मुलाकात खत्म होने के बाद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने की मुलाकात हुई और सबसे आखिर में थलसेना प्रमुख जन मनोज पांडे से प्रधानमंत्री ने मुलाकात की. वरिष्ठता के हिसाब से एक के बाद एक मीटिंग हुई. तीनों सेना प्रमुखों में एडमिरल आर हरि कुमार सबसे सीनियर हैं. जनरल पांडे तीसरे नंबर पर हैं. तीनों सेना प्रमुखों से प्रधानमंत्री मोदी ने अलग अलग 30 मिनट तक मुलाकात की.
भर्ती प्रक्रिया अपरिवर्तित रहेगी
पीएम मोदी की बैठक से पहले सेना के तीनों अंग यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने अग्निपथ योजना और अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक बार फिर साझा प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान अधिकारी ने कहा कि सेना नौकरी के लिए नहीं बल्कि जुनून और जज्बात के लिए हैं. भर्ती प्रक्रिया के बारे में आशंकाओं के बीच सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया अपरिवर्तित रहेगी और सेना में पारंपरिक रेजिमेंट व्यवस्था जारी रहेगी. सेना के तीनों अंगों के संवाददाता सम्मेलन में पुरी ने कहा कि यह योजना सरकार के कई विभागों के बीच विचार-विमर्श के अलावा तीनों सेवाओं और रक्षा के भीतर लंबे समय तक जारी परामर्श का परिणाम है. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत जरूरी सुधार है.
शुरू में कोई नया फैसला बुरा लग सकता है
एक दिन पहले ही बेंगलुरु में पीएम मोदी ने कहा था कि शुरू में कोई नया फैसला बुरा लग सकता है लेकिन ये कदम देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने अग्निपथ योजना या फिर किसी भी विरोध प्रदर्शन का जिक्र नहीं किया था.
6 कैटिगरी में भर्तियां होंगी
अग्निपथ योजना के बारे में रक्षा मंत्रालय के साथ एनएसए अजीत डोभाल ने भी स्पष्ट कर दिया है कि इसे वापस नहीं लिया जाएगा. बता दें कि भर्ती के लिए जो नोटिफिकेशन जारी हुआ है उसके हिसाब से 6 कैटिगरी में भर्तियां होंगी. इसमें अग्निवीर जनरल ड्यूटी, अग्निवीर टेक्निकल, अग्निवीर क्लर्क, अग्निवीर ट्रेड्समैन, शामल हैं. सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि अग्निपथ को लेकर विवाद थम जाए. अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा 14 जून को की गई थी, जिसके बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं. प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों और बसों में पिछले दिनों आग लगा दी थी.
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