इंफेक्शन से पेट में हो गया था फोड़ा
कोलकाता में 15 लाख से अधिक ज्यादा खर्च करने के बाद बची जान
Ranchi : रांचीः पलामू के रहने वाले अजय कुमार सोनी ने शनिवार को प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता कर रांची के सर्जन डॉ वीके माहेश्वरी पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. अजय कुमार ने बताया कि पेट में दर्द की समस्या लेकर डॉ माहेश्वरी से इलाज कराने पहुंचे थे. जांच के बाद गोल ब्लेडर में 10 एमएम से ज्यादा के स्टोन की पुष्टि हुई. इसके बाद लेजर विधि से ऑपरेशन कर स्टोन निकालने के लिए डॉक्टर ने ऑर्किड हॉस्पिटल में भर्ती होने को कहा. 6 दिसंबर 2022 को भर्ती होने के बाद डॉ जयंत घोष और डॉ वीके माहेश्वरी ने मिलकर लेजर सर्जरी कर स्टोन निकाला. लेकिन ऑपरेशन सफल नहीं हुआ. अगले ही दिन डॉ वीके माहेश्वरी ने मरीज को सेवा सदन अस्पताल ले जाने को कहा. सेवा सदन में दोबारा ओपन ऑपरेशन करने की बात कही गई. इस बार ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने पित्ताशय की नली काट दी और उसकी जगह ड्रेन पाइप डाल दिया. इस पाइप को दो माह से ज्यादा समय तक पेट में ही छोड़ने के कारण पेट में पूरी तरह से इंफेक्शन फैल गया. पेट के अंदर फोड़े हो गए थे.
कोलकाता के रविंद्र नाथ टैगोर हॉस्पिटल में बची जान
इधर, स्थिति गंभीर होते देख परिजन अजय को कोलकाता के रविंद्र नाथ टैगोर हॉस्पिटल ले गए. जहां बताया गया कि पूर्व में गलत ऑपरेशन करने के कारण स्थिति खराब हुई है. दोबारा सर्जरी कर ठीक नहीं किया गया, तो मरीज की जान जा सकती है. इसके बाद पूरी तरह पेट खोलकर सर्जरी की गई. अंदर की सभी नली को रिपेयर किया गया. पिछले 6 माह में 7 बार ऑपरेशन होने के बाद मरीज को अब पूरी तरह राहत मिली है.
डॉक्टर के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे
मरीज ने बताया कि अब तक ऑपरेशन में 20 लाख से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं. रांची के डॉ. माहेश्वरी पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले भी इसी तरह कई मरीजों का गलत ऑपरेशन कर जान के साथ खिलवाड़ की गई है. उन्होंने बताया कि वे डॉक्टर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका भी दायर करेंगे.
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