Ranchi: आरयू के स्कूल ऑफ मास कॉम्युनिकेशन के नये भवन का ऑडिटोरियम 30 जुलाई को एक शानदार अल्युम्नी मीट कार्यक्रम का गवाह बना. बिहार-झारखंड के सबसे पहले और पुराने पत्रकारिता विभाग स्कूल ऑफ मास कॉम्युनिकेशन में अल्युम्नी मीट कार्यक्रम में सैकड़ों पूर्ववर्ती छात्रों ने बहुत ही उत्साह से भाग लिया. 1987 में स्थापित पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग (अब स्कूल ऑफ मास कॉम्युनिकेशन) से 35 साल पहले से लेकर हाल के कुछ वर्षों पहले तक पढ कर निकले नये पुराने पूववर्ती छात्रों ने जब एक दूसरे को देखा तो वह विभोर हो गये. अनुज सिन्हा, सुनील सिंह बादल, संजय पांडेय, चंदन मिश्र, राजेश सिंह, अजय कुमार, सनि शारद, सुधीर मिश्र,एन के मुरलीधर, अजय कुकरेती , सुशील सिंह मंटू समेत सैकड़ो पुराने छात्र अपने विभाग में आकर अभिभूत हो गये. सबों ने पुराने दिनों को याद किया और अपने अपने अनुभव और किस्से सुनाये.
इस अल्यूम्नी मीट में शिक्षक मनोज कुमार शर्मा ने 1987 से लेकर अब तक के कार्यक्रमों के सिलसिलेवार फोटोग्राफ से सजा एक लाजवाब वीडियो प्रस्तुत किया. इसमें पृष्ठ में बीते हुये लम्हों की कसक साथ तो होगी….गीत ने सभी पूर्ववर्ती छात्रों को अतीत के यादों से सराबोर कर दिया.
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साढे तीन दशक पुराना विभाग : पत्रकारिता विभाग रांची विश्वविद्यालय का 35 वर्ष पुराना विभाग है . 1987 में पद्मश्री बलबीर दत्त्, स्व. आर एन झा सरीखे पत्रकारों के प्रयास से इस विभाग की स्थापना हुयी थी. यहां से दीक्षित होकर हजारो छात्रों ने पत्रकारिता के क्षेत्र में राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायी है. देश के सभी बड़े मीडिया संस्थानों में रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पढ कर निकले छात्र कार्यरत हैं.
35 वर्षों से अनवरत चलना अपने आप में गर्व की बात: अनुज सिन्हा
1987 में पहले बैच के पहले छात्र अनुज सिन्हा ने पुरानी बातों को याद करते हुये कहा कि मेरा इस विभाग से आत्मीय लगाव रहा है. 1987 में स्थापित होने के बाद मैं इस विभाग का पहला विद्यार्थी रहा हूं. तब से लेकर आज तक इस साढे तीन दशकों तक इस विभाग का अनवरत चलते और विकास करते देखना मेरे लिये बहुत ही सुखद अनुभूति है. 1978 में एक कमरे में चलने वाले अपने इस विभाग को मिले नये शानदार भवन को देख कर मुझे बहुत सुकून और प्रसन्न्ता हुई. आरयू का यह विभाग प्रचार से दूर है अन्यथा यह देश के बड़े पत्रकारिता संस्थानों से किसी भी मायने में कमतर नही है. आज यहां से पढ कर निकले हम पुराने छात्रों का यह कर्तव्य बनता है कि इसे संवारे और आगे बढायें.
2007 बैच के शनि शारद ने कहा कि हमारा यह विभाग आइआइएमसी जैसे बड़े पत्रकारिता विभागों से किसी मायने में कमतर नहीं है. मैने यहां से पढ कर देश के बड़े बड़े मीडिया हाउसेज में पत्रकारिता की, पर यहां पढने के दरम्यान जो स्नेह और ज्ञान शिक्षकों से मिला वह अमूल्य है. यही कारण है कि मैं कहीं भी कार्यरत रहूं पर आरयू का पत्रकारिता विभाग मेरे दिल में रहता है.
चंदन मिश्र ने कहा कि तीन दशक पहले से लेकर आज की पत्रकारिता में बहुत सारे बदलाव आये हैं, पर हमारे विभाग ने सफलतापूर्वक उस बदलाव को आत्मसात किया और वर्तमान पत्रकारिता की पढाई के लिये भी हमारा यह विभाग एक उत्कृष्ट विभाग है. मैने यहां से जब बैचलर इन जर्नलिज्म की पढाई की थी तब कम सुविधायें थी, पर पठन पाठन का स्तर तब भी उत्कृष्ट था. वर्तमान में भी मैने स्वयं यहां आकर बहुत सारी नयी चीजों को सीखा.
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उपनिदेशक डॉ. विष्णु चरण महतो से कहा कि मै अंग्रेजी का प्राध्यापक हूं, पर पत्रकारिता विभाग में जिम्मेवारी संभालने के बाद मैने बहुत कुछ सीखा. आज आप सभी पूववर्ती छात्रों को यहां देख कर मुझे बहुत प्रसन्न्ता हो रही है. इस विभाग में मैने देखा कि यहां के प्रत्येक शिक्षक और कर्मचारी विभाग के प्रति बहुत ही समर्पित और गंभीर रहते हैं.उन्होंने विभाग के इस नये भवन स्टूडेंट क्रियेटिविटी सेंटर के लिये रांची विश्वविद्यालय का आभार जताया. साथ ही कहा कि जनसंचार की एक और विधा सिनेमा है जिसका कोर्स जल्द ही प्रारंभ होने जा रहा है. उन्होने कहा कि इस बार हमनेकमसमय में यह कार्यक्रम किया है, पर अगली बार इसे और भव्यता से आयोजित किया जायेगा और देश विदेश के पूववर्ती छात्रों को भी बुलाया जायेगा.
कार्यक्रम में पूर्व छात्र आकाशवाणी के सुनील सिंह बादल, सुधीर मिश्र, अविनाश, सत्यप्रकाश, डॉ. राज श्रीवास्तव ने भी यहां अपने छात्र जीवन के किस्सों को सुनाया. पत्रकारिता विभाग के समन्वयक डॉ. डी. के . सहाय पूर्व समन्वयक पंकज कुमार ने भी अपने विचार रखे. पूर्व निदेशक डॉ. सरस्वती मिश्र एवं डॉ. सुशील अंकन ने भी अपने कार्यकाल के अनुभवों को बताया और कहा कि स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशनरांची विश्वविद्यालयका एक गौरवशाली विभाग है.
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में एल्युमनी एसोसिएशन का गठन भी किया गया. जो समय समय पर कार्यक्रमों को करायेंगे और विभाग के विकास के लिये प्रयास करेंगे.
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कार्यक्रम में मंच संचालन प्राध्यापक संकर्षण परिपूर्णन ने किया धन्यवाद ज्ञापन प्राध्यापक संतोष उरांव ने किया. कार्यक्रम में शिक्षक असीम बेरा, मनोज कुमार शर्मा, पूजा उरांव, डॉ. आरती शर्मा, दीपा सिन्हा, श्वेत कमल पीएस तिवारी, सुशील रंजन, डहरू टोप्पो समेत नये सत्र के छात्र भी उपस्थित रहे.