LagatarDesk : जम्मू और कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन पर अस्थायी रोक लगा दी गयी है. यह रोक मौसम की वजह से लगायी गयी है. खराब मौसम की वजह से बालटाल और पहलगाम में अस्थायी रूप से यात्रा को रोका गया है. मौसम साफ होने के बाद ही श्रद्धालुओं को आगे जाने की अनुमति दी जायेगी. बता दें कि कश्मीर घाटी में अगले 24 से 36 घंटे बारिश का अलर्ट है. घाटी में देर रात से बारिश हो रही है. ऐसे में जिला प्रशासन ने यात्रा पर रोक लगायी है. (पढ़ें, जी न्यूज के एंकर को गिरफ्तार करने पहुंची छत्तीसगढ़ पुलिस टापते रह गयी, गाजियाबाद पुलिस ने रोका, नोएडा पुलिस ने मारी बाजी, हिरासत में लिया)
पहले जत्थे में 4890 शिव भक्त हुए थे शामिल
मालूम हो कि अमरनाथ की यात्रा 30 जून को शुरू हुई थी. पहले जत्थे ने पारंपरिक बालटाल और पहलगाम रूट से पवित्र गुफा की ओर प्रस्थान किया था और बाबा बर्फानी के दर्शन करने पहुंचे थे. इस यात्रा में 176 वाहनों में 4890 शिव भक्त शामिल थे. उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आधार शिविर भगवती नगर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हरी झंडी दिखाकर जम्मू से पहले जत्थे को रवाना किया था. अमरनाथ यात्रा 2022 में पहले चार दिनों में 40233 तीर्थयात्री ने दर्शन किये.
यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
अमरनाथ यात्रा को लेकर श्राइन बोर्ड ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं. यात्रियों को आपदा से बचाने के लिए रेस्क्यू टीमें तैनात की गयी हैं. पहलगाम और बालटाल रूट पर 20 जगहों पर 36 टीमों को तैनात किया गया है. इसके अलावा लखनपुर से लेकर श्रीनगर तक एसडीआरएफ सिविल डिफेंस की 22 टीमें भी तैनात रहेंगी.
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टीमों को सेना और पुलिस के प्रशिक्षण केंद्रों में किया गया प्रशिक्षित
पहली बार इन टीमों को सेना और पुलिस के प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित किया गया है. ताकि यात्रा में किसी भी तरह की आपदा से निपटने में यह टीमें सबसे पहले मदद करें. इन टीमों को पर्वतारोहण बचाव दल का नाम दिया गया है. दलों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जम्मू कश्मीर आर्म्ड पुलिस शामिल हैं. अमरनाथ यात्रा को देखते हुए 25 जून से चंदनबाड़ी, बेताब घाटी और आडू घाटी के रास्तों पर आम पर्यटकों की आवाजाही पर रोक रहेगी.
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श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा हिमालय में 13500 फुट की ऊंचाई पर है स्थित
श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा दक्षिण कश्मीर हिमालय में 13500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है. वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन पर अमरनाथ यात्रा को बीच में स्थगित करना पड़ा था, जिसके बाद दो साल कोविड महामारी के कारण यात्रा नहीं हो पायी थी. वर्ष 2019 में 3.42 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किये थे. यात्रा की सुरक्षा के लिए जम्मू शहर में ही पांच हजार सुरक्षाकर्मी हैं.
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चंद्रमा की रोशनी के आधार पर शिवलिंग का आकार बढ़ता-घटता
यह दुनिया का एकमात्र ऐसा शिवलिंग है, जो चंद्रमा की रोशनी के आधार पर बढ़ता और घटता है. हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शिवलिंग पूरा आकार में आता है और उसके बाद अमावस्या तक घटते चला जाता है. मान्यता है कि शिव-पार्वती की अमरकथा सुनने वाला कबूतर का जोड़ा आज भी यहां पर दिखायी देता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा में ही माता पार्वती को अमर होने का रहस्य बताया था.
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