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Arun Burnwal
Koderma : सदर प्रखंड के उत्क्रमित मिडिल स्कूल उर्दू हसनाबाद की प्रधानाध्यापिका और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के बीच चल रहा विवाद अब बड़ा होता जा रहा है. दोनों एक दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप कर रहे है. स्कूल प्रबंधन समिति की अध्यक्ष ने प्रिसिंपल पर मद की राशि गबन करने का आरोप लगाया है. तो प्रिसिंपल ने स्कूल प्रबंधन समिति की अध्यक्ष पर मिड डे मिल में कम सामग्री परोसने का आरोप लगाया है. यह विवाद बीईओ सहदेव महतो के पास पहुंच गया है. जिसपर बीईओ ने कहा कि जांच कर दोषी पाये जाने वालों पर कार्रवाई की जायेगी. पढ़ें – अब होटल और रेस्टोरेंट आपकी मर्जी के बिना नहीं वसूल सकेंगे सर्विस चार्ज, CCPA ने जारी की नयी गाइलाइन
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पढ़ें दोनों ने क्या- क्या लगाये आरोप
स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष साफिया खातून ने कहा कि विकास मद की राशि के खर्च में काफी गड़बड़ी की जा रही है. प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार द्वारा बच्चों को दिये जा रहे पोशाक वितरण के नाम पर लीपापोती किया गया है , जब पोशाक रजिस्टर मांगा गया, तो रजिस्टर गायब हो गया.
वहीं प्रिंसिपल हंसीन अख्तर का कहना है कि बच्चों को सप्ताह में कुछ ही दिन भोजन मिलता है. मिड डे मिल का राशन खरीदने के लिए जब पैसा मांगा जाता है तो टालमटोल किया जाता है.
जिसके जवाब पर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने कहा कि कई बार मेरा नकली सिग्नेचर कर कार्यों का निर्वहन किया जाता है और मुझे रजिस्टर देखने तक नहीं दिया जाता है. प्रबंधन समिति की अध्यक्ष ने कहा कि बच्चों के साथ काफी दूर व्यवहार किया जाता है. जब भी बच्चे पढ़ाई और स्कूल पोशाक , मध्यान भोजन की बात करते हैं . तब प्रधानाध्यापिका द्वारा बच्चों के नाम को काट देने की धमकी दी जाती है.
जब इस मामले को लेकर बच्चों से पूछा गया तो बच्चों ने कहा कि स्कूल में समय पर मध्यान भोजन भी नहीं मिल पाता.
स्कूल के सभी सिलेंडर खाली पड़े हुए पाये गये
जब लगातार डॉट इन के संवाददाता स्कूल पहुंचे और मामले की जानकारी लेनी चाही तो पाया कि विद्यालय में गैस के चार सिलेंडर हैं, लेकिन चारों सिलेंडर खाली पाये गये. जब इस खाली सिलेंडर के बारे में प्रबंधन समिति के अध्यक्ष से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बैंक में खाता नहीं खोलने की वजह से सिलेंडर में गैस नहीं भराया जा सका है.
मध्यान भोजन के मेन्यू के अनुसार बच्चों को खाना नहीं दिया जा रहा
दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रधानाध्यापिका और विद्यालय की रोशनी शिक्षिका में आपसी सांठगांठ है. इस सांठगांठ की वजह से प्रबंधन समिति के बीच कोई तालमेल नहीं बैठ पा रहा है.
वहीं इस मामले को लेकर बीईओ ने बताया कि जांच में पता चला है कि मध्यान भोजन के मेन्यू के अनुसार बच्चों को खाना नहीं दिया जा रहा है. और ना ही किसी प्रकार की लिखित आय व्यय का रजिस्टर पाया गया. दोषी पाये गये लोगों पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी.
ये सारा खेल कमीशन के बंदरबांट का है
सूत्रों की माने तो सारा खेल कमीशन के बंदरबांट का है यही कारण है कि ना तो बच्चों को मेन्यू के हिसाब से मध्यान भोजन ही मिल पाता है और ना ही अन्य सुविधा. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान विद्यालय बंद रहने के बाद प्रत्येक विद्यालयों को बच्चों के गिनती के अनुसार राशि उपलब्ध करा दी गई है. जिसे बच्चों को विद्यालय के द्वारा मिलना है, लेकिन राशि मिलने के बाद भी अब तक इस विद्यालय में बच्चों को राशि नहीं दी गई है.
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