Jammu/Kashmir : आज गुरुवार सुबह बाबा के भक्तों के पहले जत्थे ने पारंपरिक बालटाल और पहलगाम रूट से पवित्र गुफा की ओर प्रस्थान किया और बाबा बर्फानी के दर्शन करने पहुंचा. मध्य कश्मीर गांदरबल में बालटाल मार्ग से यह फासला 14 किमी है. बालटाल से जाने वाले श्रद्धालु पवित्र गुफा में पहले दर्शन करके लौटेंगे. पहलगाम में नुनवान बेस कैंप में श्रद्धालु ठहरेंगे. इससे पहले बम-बम भोले, जय बाबा बर्फानी और भारत माता की जय के उद्घोष के साथ बुधवार सुबह आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से श्री अमरनाथ यात्रा के लिए भक्तों का पहला जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ. 176 वाहनों में 4890 शिव भक्त इसमें शामिल थे. उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आधार शिविर भगवती नगर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हरी झंडी दिखाकर जम्मू से पहले जत्थे को रवाना किया था. देर शाम कड़ी सुरक्षा के बीच जत्था बालटाल और पहलगाम बेस कैंपों पर पहुंच गया. बता दें कि कोविड महामारी के दो साल बाद यात्रा हो रही है.
#WATCH Pahalgam, J&K | ‘Bam Bam Bhole’ slogans hailed as pilgrims commence Amarnath Yatra from today pic.twitter.com/PLKQdpIqUL
— ANI (@ANI) June 30, 2022
#WATCH Baltal, J&K | Amarnath Yatra commences from today with the first group of pilgrims en route to the holy cave. pic.twitter.com/jwpVnx7Vwb
— ANI (@ANI) June 30, 2022
मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में शांति, समृद्धि के लिए प्रार्थना की
मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में शांति, समृद्धि और एक सुरक्षित आध्यात्मिक यात्रा के लिए प्रार्थना की. इस दौरान पूरा माहौल शिवमय बना हुआ था. आधार शिविर पूरी तरह से शिवभक्तों से पैक था. सीआरपीएफ के बैंड की धुनों से भक्तों का स्वागत किया गया. जंगम बाबा ने भगवान शिव की कथा सुनाकर पूरे माहौल को भक्तिमय बनाया. 43 दिन की यात्रा की शुरुआत पर भोले के भक्त झूमते नजर आये. जान लें कि आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए सुरक्षाबल पूरी तरह से मुस्तैद हैं. यात्रा के लिए हजारों सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. दक्षिण कश्मीर पहलगाम से नुनवान रूट से पवित्र गुफा की दूरी 32 किमी है.
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श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा हिमालय में 13500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है
श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा दक्षिण कश्मीर हिमालय में 13500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है. वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन पर अमरनाथ यात्रा को बीच में स्थगित करना पड़ा था, जिसके बाद दो साल कोविड महामारी के कारण यात्रा नहीं हो पायी थी. वर्ष 2019 में 3.42 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किये थे. यात्रा की सुरक्षा के लिए जम्मू शहर में ही पांच हजार सुरक्षाकर्मी हैं.
भक्तों को कमांडो बाइक स्क्वायड का सुरक्षा कवच
आधार शिविर भगवती नगर जम्मू में पहले जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं को संयुक्त कमांडो बाइक स्क्वायड दस्ते ने सुरक्षा कवच दिया. बाबा बर्फानी के भक्तों की लोकेशन पर लगातार नजर रखने के लिए पहली बार रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) कार्ड जारी किया गया है. इससे यात्रियों की सुरक्षा और पुख्ता की गयी है. वहीं, पुलिस ने अमरनाथ यात्रियों को लाने ले जाने की सेवा में लगे वाहनों के लिए विशेष स्टिकर जारी किये हैं. स्टिकर के बिना वाहनों को अमरनाथ की पवित्र गुफा की ओर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी. वर्ष 2019 की अमरनाथ यात्रा में एक जुलाई से एक अगस्त तक 3.42 लाख श्रद्धालु देश भर से पहुंचे थे. अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया था. जम्मू, पहलगाम और बालटाल स्थिति आधार शिविरों की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी थी और ड्रोन के जरिए यहां के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही थी.