Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग के इचाक स्थित तिलरा राणा मुहल्ले में जब पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (पीएचईडी) की बोरिंग फेल होने लगी, तो अब एक नया तरीका इजाद किया गया है. अब इसे अंधविश्वास कहें या ज्योतिष गणना, ठेकेदार से नारियल और पानी भरा लोटा मंगाकर सहायक अध्यापक भू-गर्भ शास्त्र के जानकार बने हुए हैं. वह नारियल के सहारे यह बता रहे हैं कि कहां बोरिंग करने से पानी निकलेगा.
दरअसल पीएचईडी विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल जल योजना के तहत बोरिंग कराई जा रही है. शुभम संदेश ने 30 दिसंबर के अंक में इसकी विस्तृत रिपोर्ट भी प्रकाशित की है. 60 जगहों में महज 30 स्थानों पर ही पानी निकल पाया. अन्य जगहों पर बोरिंग फेल हो गई. पथरीला इलाका होने की वजह से ज्यादा डीप बोरिंग नहीं हो पा रही है.
ठेकेदार राकेश कुमार को पता चला कि एक सहायक अध्यापक अकबर नारियल और पानी भरे लोटे के सहारे बताते हैं कि जमीन के अंदर कहां जलभंडार है. फिर क्या था, ठेकेदार ने आनन-फानन में उस सहायक अध्यापक को बुला लिया और जमीन के अंदर पानी की जांच कराने लगे. सहायक अध्यापक एक बार हाथ में नारियल और फिर पानी भरा लोटा लेकर आगे बढ़ने लगे. कुछ ही देर में उन्होंने लोटे से पानी निकलने और नारियल सीधा हो जाने का दावा किया.
बस उन्होंने भविष्यवाणी कर दी कि वहां पानी है. दो जगहों पर यह वाक्या दुहराया गया. फिर बोरिंग शुरू की गई. लेकिन दुर्भाग्य से वहां बोरिंग करने पर पानी नहीं निकला और दूसरी जगह अभी बोरिंग की प्रतीक्षा थी. इस बीच सहायक अध्यापक अपनी 2000 रुपए फीस लेकर चले गये. ग्रामीणों ने कहा कि उनका एक जगह, तो भविष्यवाणी फेल हो गई, अब दूसरी जगह भी बोरिंग से पता चल जाएगा कि उनकी भविष्यवाणी कितनी सच साबित होती है.
मैग्नेटिक फिल्ड की थ्योरी करती है काम : अकबर
सहायक अध्यापक अकबर ने कहा कि पानी भरा लोटा और नारियल मैग्नेटिक फिल्ड की थ्योरी पर काम करती है. उसी के आधार पर पानी का पता लगाया जाता है.