Wahington : यमन में हूती विद्रोहियों के 18 ठिकानों पर हमले किया गया है. यह हमला अमेरिका और ब्रिटेन की सेना ने किया है. इस हमले में ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड की लेना ने भी अमेरिका और ब्रिटेन का साथ दिया है. अमेरिकी अधिकारियों की मानें तो अमेरिका और ब्रिटेन के लड़ाकू विमानों ने मिसाइल, लॉन्चर, रॉकेट, ड्रोन और हवाई रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाते हुए आठ स्थानों पर हमले किये हैं. यह चौथी बार है जब अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं हूती विद्रोहियों के खिलाफ एक संयुक्त अभियान चलाया है. इससे पहले 12 जनवरी को दोनों देशों की सेना ने हूती विद्रोहियों पर हमला किया था. हालांकि अमेरिका लगभग हर दिन हूती विद्रोहियों पर हमले कर रहा है.
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने हूति विद्रोहियों को चेताया
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में शामिल लाल सागर में जीवन और वाणिज्य के मुक्त प्रवाह की रक्षा के लिए आवश्यकतानुसार कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा. कहा कि हम हूती विद्रोहियों को यह स्पष्ट करते रहेंगे कि यदि उन्होंने अपने अनुचित हमले बंद नहीं किये तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे. दूसरी तरफ हूती विद्रोहियों ने ‘‘अमेरिका और ब्रिटेन की आक्रामकता’’ की निंदा की है. साथ ही इस हमले के जवाब में सैन्य अभियान चलाते रहने का संकल्प लिया है.
पोतों पर लगातार हो रहे हमले के जवाब में हूति विद्रोहियों पर किया हमला
बता दें कि ‘यूएस एफ/ए-18’ लड़ाकू विमानों को यूएसएस ड्वाइट डी. आइजनहॉवर विमानवाहक पोत से प्रक्षेपित किया गया है. यह पोत इस समय लाल सागर में है. इस पोत के जरिये यमन को मानवीय मदद दी जा रही थी. लेकिन हूती आतंकी मालवाहक जहाजों पर हमला कर यमन को मिल रही मानवीय मदद को रोकने का प्रयास कर रहे थे. हूती विद्रोहियों ने पिछले सप्ताह ईरान समर्थित स्थानीय लड़ाकों के लाल सागर और अदन की खाड़ी में पोतों पर हमला किया था. जिसकी वजह से एक मालवाहक पोत में आग लग गयी थी. हूती विद्रोहियों के हाल में बढ़ते हमलों के जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन ने अन्य देशों के साथ मिलकर यह हमले किये हैं.