LagatarDesk : अमेरिका में एक बार फिर 2008 जैसी बैंकिंग क्राइसिस हो सकती है. अमेरिका की टॉप 16 बैंकों में शुमार सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) दिवालिया हो गया है. जिसके बाद फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) ने बैंक को बंद करने का आदेश दिया है. साथ ही बैंक की संपत्ति को सीज कर ली और बैंक के ग्राहकों की जमापूंजी की सुरक्षा की जिम्मेदारी FDIC को सौंप दी गयी. बैंक बंद होने के बाद एक बार फिर अमेरिका बैंकिंग संकट के मुहाने पर आकर खड़ा हो गया है. इतना ही नहीं मशहूर एसवीबी फाइनेंसियल ग्रुप पर आये संकट ने पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में हलचल मचा दी है. इस खबर के कारण बैंकिंग शेयरों में शुक्रवार को भारी गिरावट आयी. (पढ़ें, त्रिपुरा में चुनाव बाद हिंसा की जांच कर रही संसदीय टीम में शामिल कांग्रेस-माकपा नेताओं पर हमले की खबर)
बढ़ते ब्याज के कारण बैंक की हालत बिगड़ती चली गयी
बता दें कि सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है. इस बैंक के पास 210 अरब डॉलर से अधिक का एसेट्स है. अमेरिका के कई शहरों में इसके ब्रांच हैं. ये बैंक टेक कंपनियों और नये वेंचर्स को फाइनेंशियल सपोर्ट देता है. साथ ही बैंक का करीब 44 फीसदी कारोबार टेक और हेल्थकेयर कंपनियों के साथ है. लेकिन अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते बैंक की हालत बिगड़ती चली गयी. निवेशकों ने भी इन सेक्टर्स में निवेश करना बंद कर दिया. जिन कंपनियों को बैंक ने कर्ज दिया था, उन्होंने कर्ज की वापसी नहीं की. जिसका असर एसवीबी बैंक के कारोबार और उसकी वित्तीय सेहत पर पड़ा. बैंक की वित्तीय स्थिति इतनी खराब हो गयी कि बैंक को बंद करने की नौबत आ गयी.
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लेहमन ब्रदर्स के दिवालिया होने से आयी थी बैंकिंग क्राइसिस
सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने के बाद लोगों को 2008 की बैंकिंग क्राइसिस याद आने लगी है. बैंकिंग फर्म लेहमन ब्रदर्स के कारण साल 2008 में अमेरिका को सबसे बड़े बैंकिंग क्राइसिस से गुजरना पड़ा था. सिर्फ अमेरिका नहीं पूरी दुनिया मंदी की चपेट में आ गयी थी. दरअसल लेहमन ब्रदर्श समेत अमेरिका के तमाम बैंकों ने साल 2001 से 2006 के बीच अमेरिकी रियल एस्टेट कंपनियों को जमकर लोन दिये थे. लेकिन अचानक इन सेक्टर में मंदी आयी और बैंकों का कर्ज डूबने लगा. साल 2008 में लेहमन ब्रदर्स ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया.
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बैंक के दिवालिया होने का असर दुनिया भर में दिखा
अमेरिका के इस बैंक के बंद होने की खबर का असर दुनियाभर के देशों पर देखा जा सकता है. इस खबर के आने के बाद बैंकिंग सेक्टर के बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स में 8.1 फीसदी तक की गिरावट आयी. ये गिरावट पिछले तीन सालों में एक दिन में आयी सबसे बड़ी गिरावट थी. भारतीय शेयर बाजार पर भी इसका असर पड़ा. शेयर बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए. बैंक के दिवालिया होने से दुनिया भर के बाजारों में अगले कुछ दिनों तक इसका असर देखने को मिल सकता है. एक बार फिर दुनियाभर में फिर से मंदी का खतरा मंडराने लगा है.
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