NewDelhi : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि आजादी के 75 वर्ष के बाद और ऐसे समय पर जब सहकारिता आंदोलन को सबसे ज्यादा जरूरत थी तब देश के प्रधानमंत्री जी ने स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय बनाया. मैं आप सभी की ओर से उनको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं.
उन्होंने कहा कि देश के विकास में सहकारिता महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है. देश के विकास में सहकारिता का योगदान आज भी है. कहा कि हमें नये सिरे से सोचना और रेखांकित करना पड़ेगा, काम का दायरा बढ़ाना पड़ेगा, पारदर्शिता लानी पड़ेगी. इस क्रम में सहकारिता आंदोलन को आज के समय में सबसे ज्यादा प्रासंगिक करार दिया.
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भारत में सहकारिता आंदोलन कभी अप्रासंगिक नहीं हो सकता
अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने एक मंत्र दिया है सहकार से समृद्धि तक. मैं आज मोदी जी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सहकारिता क्षेत्र आपके 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी को पूरा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देगा. उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन भारत के ग्रामीण समाज की प्रगति भी करेगा और नयी सामाजिक पूंजी का कंसेप्ट भी तैयार करेगा. भारत की जनता के स्वभाव में सहकारिता घुली-मिली है. इसलिए भारत में सहकारिता आंदोलन कभी अप्रासंगिक नहीं हो सकता.
आज देश में लगभग 91% गांव ऐसे हैं जहां छोटी-बड़ी कोई न कोई सहकारी संस्था काम करती है. दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं होगा जिसके 91% गांव में सहकारिता उपस्थित हो. सहकारिता मंत्रालय कॉ-ऑपरेटिव संस्थाओं को मजबूत करने, उन्हें आगे बढ़ाने, उन्हें आधुनिक बनाने, उन्हें पारदर्शी बनाने, उन्हें प्रतिस्पर्धा में टिके रखने के लिए ही बनाया गया है.
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