Ramgarh : पांडे गिरोह के मुख्य सरगना निशी पांडे के करीबी माने जाने वाले सीसीएल कर्मी अमित बख्शी की हत्याकांड से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है. अमित की हत्या पांडे गिरोह में ही शामिल रहे दिवंगत अशोक पांडे के भतीजे भरत पांडे ने गोली मारकर की थी. इस बात का खुलासा बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर रामगढ़ एसपी पीयूष पांडे ने किया. एसपी ने बताया कि छह माह पहले अशोक पांडे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था. लेकिन भरत पांडे को शक था कि अमित अमित बख्शी ने ही उसके चाचा अशोक पांडे की हत्या की है. प्रतिशोध में उसने अमित की गोली मारकर हत्या कर दी.
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8 अगस्त को हुई थी अमित की हत्या
बीते आठ अगस्त की रात को अमित बख्शी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी. इसी बीच पुलिस ने बीरबल कुमार राय को गिरफ्तार किया. पूछताछ में बीरबल ने बताया कि भरत पांडे ही अमित बख्शी की हत्या के पीछे का मास्टरमाइंड है और उसी ने हत्या की साजिश भी रची थी.
एसआईटी की टीम एसपी के निर्देश भरत पांडे को गिरफ्तार करने के लिए कई स्थानों पर छापेमारी कर रही थी. इसी दौरान 13 सितंबर को पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि टॉकीसूद रेलवे स्टेशन के पास भरत पांडे मौजूद है. पुलिस ने बिना देर किए कार्रवाई करते हुए भरत को दबोच लिया. उसके पास से चार देसी पिस्तौल, चार जिंदा गोली, दो मोबाइल और एक जिओ कंपनी का डोंगल मिला.
एसपी ने बताया कि भरत पांडे का आपराधिक इतिहास रहा है. उसके खिलाफ पतरातू थाना में 4 मामले दर्ज हैं. एसपी ने बताया कि मात्र 26 वर्ष का भरत अपराध की दलदल में धंस चुका है. उसने 15 वर्ष की उम्र में ही हाथों में हथियार उठा लिया था. उसके खिलाफ वर्ष 2011 में ही पतरातू थाने चोरी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था. वह हथियार के दम पर इलाके में अपनी धाक जमाने में जुटा था.
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