Ranchi : पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का पार्थिव शरीर बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गया. अभिताभ चौधरी को हरमू रोड स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया. पुत्र अभिषेक चौधरी ने मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी उपस्थित हुए. दिवंगत अभिताभ चौधरी को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. मुख्यमंत्री ने दिवंगत के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने और शोक संतप्त परिजनों को यह वियोग सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की.
हरमू मुक्तिधाम में बड़ी संख्या में शुभचिंतक थे मौजूद
मुख्यमंत्री अमिताभ चौधरी की पत्नी, पुत्र एवं पुत्री सहित अन्य परिजनों से मिले तथा उन्हें ढांढस बंधाया. परिजनों एवं शुभचिंतकों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की. मौके पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक विरंची नारायण सहित अन्य गणमान्य लोग एवं बड़ी संख्या में शुभचिंतक उपस्थित थे.
दोपहर तीन बजे निकली अंतिम यात्रा
इससे पहले बुधवार सुबह अमिताभ चौधरी के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए जेएससीए स्टेडियम में रखा गया. दोपहर 3 बजे शव यात्रा निकाली गई. मंगलवार सुबह अशोक नगर स्थित आवास में ही अमिताभ चौधरी को दिल का दौरा पड़ा था. आनन-फानन में उन्हें सेंटेविटा अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
1997 में रांची के एसएसपी बनाये गये थे
अमिताभ चौधरी का जन्म छह जुलाई 1960 को हुआ था. 1984 में आइआइटी खड़गपुर से बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद 1985 में आइपीएस बने. जिसके बाद उन्हें बिहार कैडर मिला. अमिताभ चौधरी 1997 में रांची के एसएसपी बनाये गये थे. अपनी क्षमता, सूझबूझ व बेहतर टीम की बदौलत उन्होंने रांची की जनता के बीच से अपराधियों का खौफ खत्म किया था, जिसे लोग आज भी याद करते हैं. 29 अक्टूबर 2020 को उन्हें झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) का अध्यक्ष बनाया गया था. जहां पांच जुलाई 2022 तक पद पर बने रहे थे.
2005 में झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने
झारखंड के क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी को टीम इंडिया के कप्तान तक पहुंचाने में अभिताभ चौधरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. चौधरी 2002 में बीसीसीआइ के मेंबर बने. 2005 में झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने. 2003-2009 के दौरान टीम इंडिया के मैनेजर बने. 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए चौधरी ने गृह विभाग में विशेष सचिव (एडीजी रैंक) के पद से वीआरएस ले लिया. जेवीएम से टिकट मिलने पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
इसे भी पढ़ें- जश्न ही नहीं, फिक्र भी जरूरी