NewDelhi : एमनेस्टी यूके ने कानूनों का उल्लंघन करते हुए एक भारतीय इकाई को 51 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी. यह राशि भारत विरोधी हरकतों के लिए दी गयी. यह आरोप प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने लगाया है. दिल्ली की एक विशेष अदालत को ईडी ने जानकारी दी कि एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके ने सेवा करने की आड़ में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए राशि भेजी.
2011-12 में विदेशी कंट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) अधिनियम (एफसीआरए) लागू हुआ
ईडी की चार्जशीट के अनुसार, 1999 में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत में अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट (AIIFT) की स्थापना की. जान लें कि 2011-12 में जब विदेशी कंट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) अधिनियम (एफसीआरए) लागू हुआ. इसमें एनजीओ को सरकार द्वारा विदेशों से राशि पाने के लिए पूर्व अनुमति दी गयी थी. हालांकि इसके उल्टे परिणाम सामने आने के बाद सरकार द्वारा इसे रद्द कर दिया गया.
2012 में IAIT (गैर-लाभकारी संगठन) की स्थापना की
ईडी ने जानकारी दी कि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 2012 में IAIT (गैर-लाभकारी संगठन) की स्थापना की. इसके बाद 2013 में एक लाभकारी ईकाई एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (AIIPL) की स्थापना की. बता दें कि AIIPL को सोशल सेक्टर रिसर्च कंसल्टेंसी एंड सपोर्ट सर्विस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के तौर पर जाना जाता है. यह एक प्रॉफिट कमर्शियल ईकाई है.
ईडी का आरोप है कि AIIPL को कई मुद्दों पर मानवाधिकार रिपोर्ट तैयार करने के लिए और कुछ अन्य सेवाओं नाम पर एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके से 36 करोड़ रुपये (10 करोड़ रुपये एफडीआई सहित) मिले. प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया यह एफसीआरए को दरकिनार कर व्यावसायिक गतिविधियों के नाम पर एनजीओ का काम करने का तरीका था. ईडी ने अदालत में एआईआईपीएल और आईएआईटी को मिले पूरे पैसे को अपराध की कमाई करार दिया है.
ईडी ने कहा कि एक ही भवन में दो संस्थाओं का संचालन हो रहा था, इसमें एआईआईपीएल के पास बड़े क्लाइंट के रूप में एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके ही था. इस आरोप पर एमनेस्टी के अधिकारियों ने अपने बयान में ईडी से कहा कि कई देशों में एनजीओ दो संस्थाओं की स्थापना के मॉडल पर काम करते हैं. इसमें एक प्रॉफिट के लिए तो दूसरा नॉन प्रॉफिट के लिए. एमनेस्टी के अधिकारियों ने कहा कि यह कानूनी जांच के बाद किया गया था.
मुझे नहीं पता कि उनके लिए देशद्रोही क्या है : आकार पटेल
जान लें कि 9 जुलाई को ईडी ने AIIPL, इंडियंस फॉर एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट (आईएआईटी), और एआईआईपीएल के पूर्व सीईओ जी अनंतपद्मनाभन और आकार पटेल के खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए एक आरोप पत्र दाखिल किया था. द संडे एक्सप्रेस के अनुसार आकार पटेल ने बताया कि हम किसी भी गलत काम में शामिल हैं, इसे उनको साबित करना है.
मुझे नहीं पता कि उनके लिए देशद्रोही क्या है. जो हम कर रहे हैं, उसको लेकर मैं किसी ऐसे कानून के बारे में नहीं जानता जो हमें उसे करने से रोकता है. कहा कि एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाने और एमनेस्टी के 10 करोड़ रुपये के निवेश में कुछ भी गलत नहीं है. वह भी तब जब लेनदेन आरबीआई के माध्यम से हुआ है.