Ranchi : हर घर में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने 1 अक्टूबर 2021 को अमृत मिशन 2.0 की शुरुआत की थी. झारखंड के भी 7 शहरों (रांची, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, चास, देवघर, आदित्यपुर) को इस मिशन में जोड़ा गया है. लेकिन 20 महीने बाद भी झारखंड में अमृत 2.0 पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर सका है. भारत सरकार ने अमृत 2.0 से झारखंड में 16 जलापूर्ति और 45 तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना स्वीकृत की है. इसकी कुल लागत 1428.06 लाख रुपये है. तालाब जीर्णोद्धार की 30 योजनाओं पर काम शुरू हो चुका है. दो बड़ी जलापूर्ति योजना का भी टेंडर हो चुका है, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है. वहीं अभी भी अधिकांश योजनाओं का डीपीआर फाइनल नहीं हो सका है. (पढ़ें, लैंड स्कैम: गिरफ्तारी से पहले तलहा ने बुक की थी 90 लाख की कार, 22 लाख की मोटरसाइकिल पर घूमता था)
एक-दो महीने में केंद्र को भेजा जायेगा डीपीआर
अमृत 2.0 के तहत स्वीकृत जलापूर्ति और अन्य योजनाओं के लिए नगर निकायों को कई विभागों से एनओसी लेना है. एनएचएआई और पथ निर्माण के अलावा कई जगहों पर डीवीसी से भी एनओसी लेना है. इनसे एनओसी मिलने में हो रही देरी के कारण डीपीआर फाइनल नहीं हो पा रहा है. विभाग का कहना है कि बिना एनओसी लिए डीपीआर केंद्र सरकार को भेजने के बाद वह स्वीकृत तो हो जायेगा, लेकिन बाद में एनओसी नहीं मिलने से योजना लटक जायेगी. इसलिए सारी अड़चनें दूर करने के बाद डीपीआर भेजा जा रहा है.
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रामगढ़ के 46000 घरों को मिलेगा पतरातू डैम से पानी
अमृत 2.0 के तहत राज्य में दो बड़ी जलापूर्ति योजनाएं ली गयी है. रामगढ़ और सिमडेगा शहर में 24 घंटे पेयजल आपूर्ति किया जाना है. पतरातू डैम से पानी लाकर रामगढ़ के 46000 घरों में पहुंचाना है. इसका डीपीआर तैयार हो चुका है. इसमें करीब 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसका टेंडर निकल चुका है.
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सिमडेगा के 42000 हाउसहोल्ड को कांसजोर डैम से मिलेगा पानी
सिमडेगा शहर को कांसजोर डैम से पानी देने की योजना है. 106 करोड़ रुपये का यह प्रोजेक्ट है. इससे 42000 हाउसहोल्ड को पानी दिया जायेगा. जुडको ने इसका टेंडर निकाला था. टेंडर फाइनल हो गया है. काम रॉक ड्रील नाम की कंपनी को दिया गया है.
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