Jamshedpur : आदिवासी सेंगेल अभियान ने बुधवार को आदिवासी समाज के पढ़े लिखे और नौकरीपेशा लोगों का पुतला दहन किया. अभियान की संयोजक बीमो मुर्मू ने कहा कि पढ़े-लिखे और नौकरीपेशा लोगों ने समाज के उत्थान एवं विकास में कोई योगदान नहीं दिया है.
आरक्षण की मदद से नौकरी तो ले ली पर समाज से मतलब नहीं
आरक्षण की मदद से पढ़ाई करने एवं बाद में नौकरी करने वाले लोग अपना और अपने परिवार का केवल पेट पाल रहे हैं तथा मौज में मौज मस्ती कर रहे हैं. इसलिए आदिवासी सेंगेल अभियान ने ऐसे लोगों के विरोध का निर्णय लिया है. जिसके करनडीह स्थित बोदराटोला और बागबेड़ा स्थित जटाझोपड़ी में पुतला दहन किया गया.
केंद्रीय संयोजक बीमो मुर्मू ने कहा कि आज आदिवासियों का हासा-भाषा एवं चासा बर्बाद हो रहा है. धर्म कोड, इज्ज्त- आबादी, रोजगार लूट- मिट रहा है. आज आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है.
पुतला दहन कार्यक्रम में करनडीह में बिमो मूर्मू, मंगत मार्डी, किसुन हंसदा, जूनियर मूर्मू, मंगल पड़ेया, करन किरण टुडू, भागीरथी मूर्मू आदि मौजूद थे। जबकि जटा झोपड़ी में डॉ सोमाय सोरेन, सीताराम माझी, बबिता टूडू, पूनम सोरेन, लखन हंसदा, कपरा,मूर्मू आदि शामिल थे.