दारोगा-इंस्पेक्टर के तबादले में गड़बड़ी, आयोग ने कहा, तुरंत करें ठीक
Sourav Singh
Ranchi: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस विभाग में हुए तबादलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई है. इंस्पेक्टर और दारोगा स्तर के पुलिस पदाधिकारियों का तबादला आयोग के निर्देश के अनुसार नहीं हुआ है. चुनाव आयोग ने सरकार से कहा है कि तुरंत इसे ठीक करें. क्योंकि 26 फरवरी को दिन के 3.00 बजे तक तबादले से संबंधित आदेश का अनुपालन करके आयोग को भेजा जाना है. कुल मिलाकर पुलिस मुख्यालय के एक अफसर की वजह से सरकार और विभाग की फजीहत हो गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बार हुए तबादले में मुख्यालय के एक अधिकारी की भूमिका संदिग्ध बतायी जा रही है. नियमों को ताक पर रख कर तबादला सूची तैयार किया गया. जिस पर स्थानांतरण के लिए गठित बोर्ड ने सहमति दे दी. आरोप यह भी है कि तबादले में बड़ा खेल हुआ है. वैसे यह जांच का विषय तो है कि पदाधिकारियों के तबादले में बेईमानी क्यों और किसने की. इसका फायदा किसने उठाया.
न आयोग की परवाह, ना मैनुअल की चिंता
जानकारी के मुताबिक, आयोग का निर्देश था कि अफसरों का तबादला इस तरह से किया जाये कि वह जिस लोकसभा क्षेत्र में थे, उससे दूर हो. पुलिस विभाग में भी तबादले का जो नियम है, उसके मुताबिक, पदाधिकारियों का तबादला रेंज और जोन स्तर पर होने चाहिए. लेकिन पुलिस मुख्यालय के अफसरों ने पदाधिकारियों का तबादला बगल के जिले में ही कर दिया. कुछ ऐसे भी भी मामले हैं, जिसमें तबादला तो बगल के जिले में किया गया, लेकिन अगर थाना प्रभारी के रुप में पदस्थापन जिस थाना में किया गया, वह पहले के लोकसभा क्षेत्र में आता है. तबादले में गड़बड़ी ना हो इसके लिए विभाग ने जिलों को ए, बी, सी, डी में बांट रखा है. इस बार इसे भी नजरअंदाज कर दिया गया. ए ग्रेड से ए ग्रेड के ही जिला में तबादला किया गया. इसके 100 से अधिक उदाहरण हैं.
राज्य भर में होगी परेशानी
पुलिस मुख्यालय ने दारोगा-इंस्पेक्टर का तबादला सूची करीब 15 दिन पहले जारी किया था. लेकिन सरस्वती पूजा के मद्देनजर अधिकांश जिलों के एसपी ने पदाधिकारियों को विरमित नहीं किया. सरस्वती पूजा के बाद पदाधिकारियों को विरमित किया गया. पदाधिकारियों ने नए जिले में योगदान भी दे दिया है. यहां तक कि पदाधिकारियों का पदस्थापन भी जिले के थानों में कर दिया गया है. अब अगर दोबारा तबादला सूची जारी होती है, जो यही प्रक्रिया फिर से लागू करनी होगी. इससे कम से कम हफ्ते भर राज्य भर के पुलिस अफसर परेशान होंगे.
सुधार के लिए डीआईजी का पत्र
इस बीच पुलिस मुख्यालय के कार्मिक डीआईजी का एक पत्र सभी जिलों के एसपी को लिखा गया है. जिसमें उन्होंने निर्देश दिया है कि पुलिस पदाधिकारियों की पोस्टिंग में इस बात का ध्यान रखा जाए कि वह पहले जिस लोकसभा क्षेत्र में थे, उस लोकसभा क्षेत्र के थाने में पोस्टिंग ना हो. यह पत्र आयोग की आपत्ति के बाद 24 फरवरी को लिखा गया है. इस पत्र से यह स्पष्ट हो जाता है कि बगल के जिले में तबादले किए गए हैं. अब देखना यह है कि चुनाव आयोग इस पर क्या रूख अख्तियार करता है.