Ranchi : सत्ता में आने के बाद जैसी गुटबाजी प्रदेश कांग्रेस के अंदर देखी जा रही है, वह शायद ही किसी अन्य राजनीतिक दल में है. इसका कारण यह है कि कांग्रेसी नेता अपने ही प्रदेश स्तरीय नेताओं से खुश नहीं है. पार्टी को सरकार में आये हुए करीब 14 माह होने को है. लेकिन न तो संगठन में किसी तरह की फेरबदल देखी गयी है, न ही कार्यकर्ताओं को उचित स्थान मिला है. ऊपर से प्रदेश मुख्यालय में नेताओं के बीच गुटबाजी व अनबन एक आम सी बात हो गयी है. नेताओं की मानें, तो इसके पीछे का कारण वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव हैं.
ऐसा दूसरी बार हुआ है जब पार्टी में बढ़ती गुटबाजी सहित कई बातों को लेकर नाराज कांग्रेसी शिकायत लेकर दिल्ली पहुंच गये हैं. झारखंड कांग्रेस के तीन कार्यकारी अध्यक्षों सहित कई कांग्रेसियों ने मंगलवार को दिल्ली में एआईसीसी के 5 नेताओं से मुलाकात की. इसमें AICC महासचिव केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, तारिक अनवर, पवन कुमार बंसल व प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह शामिल हैं. मुलाकात करने वालों में राजेश ठाकुर, मानस सिन्हा व संजय लाल पासवान जैसे कार्यकारी अध्यक्ष व रवींद्र सिंह, रमा खलखो व भीम कुमार जैसे नेता शामिल हैं.
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नाराज कांग्रेसी उठाते रहे हैं एक व्यक्ति एक पद की मांग
पिछले कई महीनों से “एक व्यक्ति एक पद की मांग” नाराज नेता उठाते रहे हैं. जुलाई 2020 को नाराज तीन विधायकों ने दिल्ली जाकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अपनी पीड़ा बतायी थी. उस समय नाराज नेताओं ने सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल (अब दिवंगत) से मुलाकात की थी. इसमें विधायक इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और राजेश कच्छप शामिल थे. नाराजगी तो कई बातों पर थी, लेकिन पीड़ा की मुख्य वजह डॉ रामेश्वर उरांव थे. विधायकों का कहना था कि प्रदेश अध्यक्ष ही मंत्री बने हुए हैं. एक व्यक्ति–एक पद के सिद्धांत का पालन नहीं हो रहा है.
त्रिमूर्ति सरीखे नेताओं की बढ़ती गतिविधियां बढ़ा रही गुटबाजी
डॉ उरांव से नाराजगी का एक कारण उनके करीबी माने जाने वाले तीन प्रवक्ताओं को उनके द्वारा शह देना भी है. तीनों नेता आलोक दुबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव व राजेश गुप्ता छोटू (त्रिमूर्ति शब्द से संबोधित किया जाता है) के कारण आज पार्टी मुख्यालय में गुटबाजी काफी बढ़ी है. बीते दिनों मुख्यालय में हुए घटना के बाद भी प्रवक्ताओं पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने से भी वे प्रदेश अध्यक्ष से नाराज हैं.
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संगठन विस्तार नहीं होने से भी है नाराजगी
प्रदेश अध्यक्ष से नाराजगी का एक कारण संगठन को विस्तार नहीं देना भी है. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली गये नेताओं ने कहा है कि सरकार बनने के 14 माह बीत गये हैं. लेकिन संगठन विस्तार नहीं हुआ है. इससे विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है.