Ranchi : जेएसएसपीएस के कैडेट अंजलि उरांव मौत मामले में JSSPS प्रबंधन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. संदिग्ध हालत में अंजलि की मौत मामले को लेकर लगातार कार्रवाई की मांग उठ रही है. इस कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के खेल प्रकोष्ठ ने मामले की जांच रिटायर्ड जज से कराने की मांग की. साथ ही 20 बिंदुओं की तरफ ध्यान इंगित कराए गए हैं. बीजेपी ने कहा है कि जेएसएसपीएस की कार्यप्रणाली और वित्तीय गतिविधियों की जांच रिटायर्ड जज के माध्यम से तय समय सीमा के अंदर कराया जाय. इसके अलावा अंजलि के परिजनों को मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये, योग्यता अनुसार स्थाई सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है. इससे जुड़ी प्रतिलिपि झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, सांसद संजय सेठ, विधायक सीपी सिंह और संबंधित लोगों को भेजी गई है.
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क्या है पूरा मामला
बता दें कि अचानक तबीयत खराब होने पर जेएसएसपीएस की कैडेट अंजली उरांव को रविवार की सुबह गांधीनगर स्थित सीसीएल के अस्पताल ले जाया जा रहा था. अस्पताल पहुंचने से पहले ही अंजली ने दम तोड़ दिया. इसके बाद देर शाम मामले ने तूल पकड़ लिया. घटना से नाराज जेएसएसपीएस के तमाम कैडेट्स देर रात तक सड़कों पर थे और पूरे मामले को लेकर उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे थे. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के खेल प्रकोष्ठ की ओर से झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा गया है.
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भाजपा ने खड़े किये कई सवाल
मामले को लेकर भाजपा खेल प्रकोष्ठ ने कई सवाल भी खड़े किए हैं. बीजेपी के खेल प्रकोष्ठ ने पूछा है कि अंजलि उरांव की तबीयत कैसे खराब हुई थी? अंजलि उरांव का इलाज जेएसएसपीएस के द्वारा कब से शुरू कराया गया था और कहां पर करवाया गया ? दवा कब उपलब्ध कराया गया ? पूरी प्रक्रिया की जांच की मांग की है. अंजलि उरांव की मौत का कारण क्या था ? रविवार सामान्यत छुट्टी का दिन होता है. उसी दिन आनन-फानन में पोस्टमार्टम करवाया गया, इस पर भी सवाल खड़े किए गए हैं.