NewDelhi : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार महत्वाकांक्षी योजना ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) पर फंस गयी है. खबर है कि पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए), केंद्रीय वित्त सचिव के ना करने को बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ना कर दी है. सीतारमण ने भी कर्मचारियों का न्यू पेंशन स्कीम (NPS) का पैसा लौटाने की गहलोत सरकार की मांग खारिज कर दी है.
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वेतन से काटी जा रही राशि पर राज्य सरकार का नहीं, बल्कि कर्मचारियों का सीधा अधिकार है
सीतारमण के अनुसार एनपीएस (NPS) कर्मियों के वेतन से काटी जा रही राशि पर राज्य सरकार का नहीं, बल्कि कर्मचारियों का सीधा अधिकार है. कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों को यह पैसा नहीं दे सकती. वित्त मंत्री का कहना है कि ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के नाम पर कर्मचारियों को भ्रम में रखना ठीक नहीं है. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों एनपीएस को लेकर एक पत्र लिखा था. इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही है. वित्त मंत्री के अनुसार नियोक्ता को एनपीएस की राशि वापस नहीं की जा सकती.
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राज्य सरकार ने जनवरी 2004 में कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम का ऑप्शन चुना
उन्होंने लिखा है कि राज्य सरकार ने जनवरी 2004 में अपने कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम का ऑप्शन चुना. 2010 में प्रदेश-एनपीएस ट्रस्ट के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए. इसमें प्रावधान है कि राज्य सरकार पीएफआरडीए/एनपीएस ट्रस्ट के सभी निर्देशों का अनुपालन करेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि पीएफआरडीए अधिनियम राज्य सरकार को जमा राशि या उस पर रिटर्न के प्रबंध की मंजूरी नहीं देता. यह राशि कर्मचारी की है, इसलिए नियोक्ता को नहीं लौटा सकते.