Guwahati : असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने महंगी सब्जियों को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिससे विवाद पैदा हो गया है. बता दें कि देश भर के साथ ही असम में भी सब्जियों के दाम काफी बढ़ गये हैं. इसे लेकर असम सरकार पर विपक्षी दल कांग्रेस ने हल्ला बोल दिया है. कांग्रेस ने सरकार से सब्जियों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है. लेकिन विवाद का कारण दूसरा है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Guwahati, Assam | “CM Himanta Biswa Sarma said that Miya Muslims will not be allowed to sell vegetables and ‘masala’ in Guwahati. The CM is the head of the state and such words coming from his mouth don’t seem right. He should not have said this. I did not like this. By doing all… pic.twitter.com/kRi8ppGpZo
— ANI (@ANI) July 15, 2023
गांवों में सब्जियों के दाम बेहद कम हैं
पत्रकारों ने जब हिमंता बिस्वा सरमा से महंगी सब्जियों को लेकर सवाल पूछा तो CM हिमंता ने कहा कि इसके पीछे मियां व्यापारी हैं. कहा कि मियां व्यापारी महंगे दामों पर सब्जियां बेच रहे हैं. असम CM का कहना था कि गांवों में सब्जियों के दाम बेहद कम हैं. अगर आज असमी व्यापारी सब्जी बेचते तो वह असमिया लोगों से ज्यादा पैसे नहीं लेते. इसी क्रम में आरोप लगाया कि मियां व्यापारी असमिया लोगों से ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं.
असमी युवा सब्जी आदि बेचने के काम में जुट जायें
यह कहते हुए हिमंता बिस्वा सरमा असमी युवाओं से आगे आकर सब्जी आदि बेचने के काम में जुटने को कहा. अगर असम के युवा ऐसा करने के लिए तैयार होंगे तो वह उनके लिए जगह मुहैया करायेंगे देंगे. उन्होंने फ्लाइओवरों के नीचे की उन जगहों को खाली कराने की बात कह डाली, जहां कथित रूप से मियां व्यापारी सब्जियां और फल बेचते हैं. यह बात जान लें कि असम में बंगाली मूल के मुसलमानों के लिए मियां शब्द का प्रयोग किया जाता है. यह सभी असम में बड़े पैमाने पर सब्जियों और मछली का व्यापार करते हैं.
असम मियां समुदाय के बिना अधूरा
राजनीतिक सरगर्मी की बात करें तो असम में मियां-मुसलमानों को लेकर सियासी खींचतान चल रही है. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने असम को मियां समुदाय के बिना अधूरा करार देते हैं. असम के मुख्यमंत्री इसे लेकर ऐतराज जताते रहे हैं. उनके अनुसार अजमल का यह कहना असमिया समुदाय के अपमान जैसा है.