Ranchi: झारखंड के सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षकों) को रिटायरमेंट या आकस्मिक मृत्यु पर आर्थिक सहायता मिले, इसलिए हेमंत सरकार ने कल्याण कोष बनाने का फैसला किया है. बीते दिनों शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने विभागीय अधिकारियों को इस दिशा में काम करने का निर्देश दिया. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, नए साल में राज्य सरकार 61,000 से अधिक सहायक अध्यापकों को कल्याण कोष का तोहफा दे सकती है.
इस बीच सामुदायिक सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय मेहता ने सरकार से मांग की है कि सरकार तत्काल इस दिशा में काम करे. पिछले कई सालों से यह मामला लटका हुआ है. इसके बनने से पारा शिक्षकों को राहत मिलेगी.
दो तरीके से कल्याण कोष में जमा राशि का होगा भुगतान
बता दें कि बीते दिनों राज्य सरकार ने सहायक अध्यापकों के लिए कल्याण कोष बनाने का फैसला किया है. गठन से पहले राज्य सरकार सहायक अध्यापकों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करेगी. कल्याण कोष में जमा राशि को दो तरीके से देने का प्रावधान किया जाएगा.
पहला – सेवानिवृत्ति के बाद 5 लाख की एकमुश्त सहायता
दूसरा – सेवा अवधि के दौरान आकस्मिक मृत्यु होने पर आश्रितों को 5 लाख की मदद
कितना अंशदान करना होगा यह बैठक में तय होगा
प्रस्तावित कल्याण कोष में राज्य सरकार के साथ सहायक अध्यापकों को भी अपना अंशदान करना होगा. यह अंशदान कितना होगा, यह पारा शिक्षकों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में तय होगा. हालांकि चर्चा है कि सहायक अध्यापकों का अंशदान 200 रुपये प्रतिमाह तक हो सकता है. राज्य में 61,421 पारा शिक्षक कार्यरत हैं. प्रत्येक से 200 रुपये लेने पर कोष में हर माह 12.28 करोड़ की राशि जमा होगी. इससे पारा शिक्षकों को संकट और रिटायरमेंट के समय आर्थिक मदद मिलेगी.
2022 से लागू करें कोष: संघ
संजय मेहता ने सरकार से मांग की है कि कल्याण कोष की नीति को जनवरी 2022 से लागू की जाये. ताकि पिछले एक साल में रिटायर किए या मृत सहायक अध्यापकों को इसका लाभ मिल सके.