Ranchi : एथलीट जूली एक बार फिर से रनिंग ट्रैक पर दौड़ेगी और अपने परिवार,धनबाद और झारखंड का नाम रौशन करेगी. वह समाज की होनहार बेटी है. तभी तो उसकी जान बचाने के लिए समाज के कुछ लोग आगे आए. सोशल मीडिया ने जूली की जान बचाई है. ट्वीटर कैंपेन और क्राउड फंडिंग के जरिए वह बीजीएच बोकारो से रिम्स पहुंची. साथ ही इलाज के लिए एक लाख बीस हजार रुपया भी जुटाये गये. जूली की जान बचाने की मुहिम में धनबाद के दो युवक आगे आए. इनमें राहुल मोदक और महावीर महतो का नाम शामिल है. परिणाम सामने है. जूली को रिम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है. 16 दिन तक वह रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के आईसीयू में भर्ती रहीं. न्यूरो सर्जरी विभाग के यूनिट इंचार्ज डॉ. अनिल कुमार के नेतृत्व में डॉ. विकास कुमार और अन्य ने उसका इलाज किया. आज वह स्वस्थ होकर अपने घर चली गई.
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एक महीना बेड रेस्ट की सलाह : डॉ. अनिल कुमार
न्यूरो सर्जरी विभाग के यूनिट इंचार्ज डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि बिना ऑपरेशन के दवा से ही सिर के ब्लड क्लॉट को खत्म किया गया है. 1 महीना बेड रेस्ट करने की सलाह दी गई है. इसके बाद फिर से रिव्यू किया जाएगा.
सिर में लगी थी अंदरुनी चोट
वहीं न्यूरो सर्जरी विभाग के सीनियर रेसिडेंट डॉ. विकास कुमार ने कहा कि एथलीट जूली के सिर में अंदरूनी चोट लगी थी. स्थिति काफी गंभीर थी. हम लोगों ने अपना बेहतर प्रयास किया और सोमवार को उसे छुट्टी दे दी गई. वहीं जूली के भाई राहुल ने जूली का इलाज करने वाले डॉक्टरों और समाज के उन लोगों का धन्यवाद किया है, जिन्होंने जूली के बेहतर इलाज में मदद की.
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