Ranchi: राज्य में सक्रिय अलग अलग संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ एटीएस कार्रवाई करेगा. जानकारी के मुताबिक झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा एटीएस के सही तरीके से इस्तेमाल की योजना बनायी गई थी. इस योजना पर गृह विभाग की सहमति मिल गई है.
गृह विभाग ने एटीएस से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल, निगरानी व सचिवालय विभाग को भेजी है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद एटीएस संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा.
गृह विभाग को भेजा गया था प्रस्ताव
एटीएस को बेहतर बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय के द्वारा गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था. कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद पूरे राज्य में एटीएस कहीं भी संगठित आपराधिक गिरोह के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. इसके अलावा संबंधित जिलों के कार्यक्षेत्र से अलग स्वयं एटीएस थाने में एफआईआर दर्ज कर सकता है. इससे पहले एटीएस पर आतंकी गतिविधियों की सूचना जुटाने और अभियान चलाने की जिम्मेदारी थी.
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साल 2015 में झारखंड में किया गया था एटीएस का गठन
झारखंड से आतंकियों के तार लगातार जुड़ते रहने और इस पर नकेल कसने के लिए रघुवर सरकार ने आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के गठन की मंजूरी बीते 8 सितंबर 2015 को कैबिनेट की बैठक में दी थी. पिछले पांच सालों से पुलिस मुख्यालय और सीआइडी के स्तर से एटीएस के लिए पांच प्रस्ताव भेजे गए थे. दस्ते के लिए कुल 243 पद सृजित किए गए थे. जिसमें एक एसपी, छह डीएसपी, 11 पुलिस इंस्पेक्टर, 31 दारोगा, 21 जमादार, 20 हवलदार और 112 जवान के पद थे.
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