Ayodhya : अयोध्या स्थित राम मंदिर में 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले किये जा रहे अनुष्ठानों के तहत दूसरे दिन आज बुधवार को सरयू नदी के तट पर कलश पूजन किया गया. मंदिर ट्रस्ट के एक सदस्य ने यह जानकारी दी.
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#WATCH | A group of nine women hold ‘Kalash Jal Yatra’ from Saryu river to Ram temple in Ayodhya for religious rituals leading to ‘Pran Pratishtha’ ceremony on 22nd January pic.twitter.com/4XPC0lLTqs
— ANI (@ANI) January 17, 2024
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh: Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra trust member and ‘Yajman’ Anil Mishra performs Pooja at Saryu Ghat ahead of Ram Temple Pran Pratistha ceremony pic.twitter.com/IBothi1u05
— ANI (@ANI) January 17, 2024
अनुष्ठानों का सिलसिला मंगलवार को शुरू हुआ
अनुष्ठानों का सिलसिला कल मंगलवार को शुरू हुआ जो आज यहां सरयू नदी के तट पर यजमान (मुख्य यजमान) द्वारा कलश पूजन के साथ जारी रहा. इसके पहले मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन होने वाले अनुष्ठानों से पहले के इन अनुष्ठानों का सिलसिला 21 जनवरी तक जारी रहेगा.
राय ने यह भी कहा था कि समारोह के दिन राम लला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े न्यूनतम जरूरी अनुष्ठानों को किया जायेगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा, उनकी पत्नी और अन्य लोगों ने सरयू नदी तट पर कलश पूजन किया.
कलश पूजन के बाद वाराणसी के पुजारी मंदिर में अनुष्ठान करेंगे
मिश्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, आज सरयू तट पर कलश पूजन का कार्यक्रम हुआ. इसके बाद सरयू नदी के जल से भरे बर्तन उस स्थान (राम मंदिर परिसर) पर ले जाये जायेंगे जहां समारोह से पहले के अनुष्ठान किये जा रहे हैं. बता दें कि श्री मिश्रा अनुष्ठान के लिए यजमान हैं और उन्हें 22 जनवरी को किये जाने वाले अनुष्ठानों सहित सभी अनुष्ठानों में भाग लेना है.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य लोग विशेष अनुष्ठान में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि अयोध्या में सरयू के जल का बहुत महत्व है, इसलिए कलश पूजन के बाद वाराणसी के पुजारी मंदिर में अनुष्ठान करेंगे.
11 पुजारी देवी-देवताओं’ का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं
राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, अनुष्ठान शुरू हो गया है और 22 जनवरी तक जारी रहेगा. 11 पुजारी सभी देवी-देवताओं’ का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं. आमतौर पर यजमान अनुष्ठान का मुख्य पुजारी होता है. यजमान की ओर से ही प्रार्थना की जाती है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अंत में मोदी का भाषण देने का कार्यक्रम है, जिसमें 8,000 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है.
इनमें से कुछ ही लोगों को मंदिर के गर्भगृह के अंदर जाने की अनुमति होगी. अयोध्या में इन अनुष्ठानों का संचालन 121 आचार्य कर रहे हैं और गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की सभी कार्यवाही की देखरेख, समन्वय एवं निर्देशन कर रहे हैं. प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे.