New Delhi : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विपक्षी दलों और उनके नेताओं पर हल्ला बोल दिया है. हिमंत बिस्वा सरमा ने अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होने को लेकर करने को लेकर विपक्षी नेताओं पर टिप्पणी की है. पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा, विपक्ष के नेता अयोध्या जायें या नहीं जायें, कोई फर्क नहीं पड़नेवाला. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
हम लोग तो तरस रहे हैं कि निमंत्रण मिले
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, कि पूरे भारत के लोग उत्साहित हैं. हम लोग तो तरस रहे हैं कि निमंत्रण मिले. जिनको (विपक्षी दल )निमंत्रण मिला है तो वे उसमें भी राजनीति तलाश रहे हैं. कहा कि विपक्ष के नेता निमंत्रण मिलने के बाद भी पता नहीं क्या सोच-विचार कर रहे हैं. हिमंता ने सलाह दी कि राजनीति को परे रखकर उन्हें अयोध्या जाना चाहिए. तंज कसा कि ये बाबर के लोगों से डरते हैं. राहुल गांधी और कांग्रेस के नेता वहां नहीं जाने वाले. हालांकि कहा कि जब हिन्दुओं का दबाव बढ़ेगा, तभी तभी ये जायेंगे.
हम धर्म को राजनीति से जोड़ना पसंद नहीं करते
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने एक तरह से सफाई देते हुए कांग्रेस के नेताओं के अयोध्या जाने के सवाल पर कहा, हम धर्म को राजनीति से जोड़ना पसंद नहीं करते. कहा कि आस्था राजनीति से अलग होती है. राजनीति और आस्था को अलग रखना चाहिए. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी को निमंत्रण मिला है. उन्होंने कहा, राम मंदिर का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री करेंगे. यह उचित नहीं, हम इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे जान लें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोनिया गांधी सहित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी को राम मंदिर उद्घाटन के कार्यक्रम में बुलाया है.