Dehradun : केदारनाथ के बाद बाबा बद्रीनाथ के कपाट भी आज गुरुवार को श्रद्धालुओं के लिए खुल गये हैं. सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर मंदिर के कपाट खुलने के बाद पहले बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल जी ने मंदिर परिसर में प्रवेश किये. इसके साथ ही दक्षिण द्वार से कुबेर जी की डोली भी मंदिर परिसर में पहुंची. कपाट खुलने के बाद पहली पूजा और आरती देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से हुई. इस दौरान बद्रीनाथ मंत्रोच्चारों, आर्मी बैंड की मधुर धुनों और जय बद्री विशाल के के जयकारों से गूंज उठा. कपाट खुलने के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने केदारधाम में दर्शन किये.इस खास मौके पर बद्रीनाथ मंदिर को 15 क्विंटल गेंदा के फूलों से सजाया गया है. बता दें कि बद्रीनाथ में इस समय बर्फबारी और बारिश हो रही है. इसके बावजूद भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं है. (पढ़ें, पलामू : बंद बोरी में महिला का सड़ा गला शव बरामद, जांच में जुटी पुलिस)
#WATCH उत्तराखंड: बदरीनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। आर्मी बैंड की मधुर धुनों और भक्तों द्वारा जय बद्री विशाल के नारों के बीच कपाट खोले गए। pic.twitter.com/tGxCtHocBJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 27, 2023
चारों धाम के कपाट भक्तों के लिए खुल गये
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा शुरू हो गयी है. 22 अप्रैल को यमोत्री-गंगोत्री के कपाट खुले. इसके बाद 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी भक्तों के लिए खोल दिये गये हैं. इस दौरान मंदिर को दुल्हन की तरह फूलों से सजाया गया है. जो देखने में बेहद मनमोहक और खूबसूरत लग रहा है.
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6 महीने देवता करते हैं भगवान विष्णु की पूजा
12 महीने भगवान विष्णु जहां विराजमान होते हैं, उस सृष्टि के आठवें बैकुंठ धाम को बद्रीनाथ के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु यहां 6 महीने विश्राम करते हैं और 6 महीने भक्तों को दर्शन देते हैं. ऐसी भी मान्यता है कि 6 महीने मनुष्य भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. वहीं बाकी बचे 6 महीने सभी देवता यहां भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. इस पूजा में देवर्षि नारद मुख्य पुजारी होते हैं.
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गंगोत्री-यमुनोत्री खुलने से चार धाम यात्रा शुरू और बद्रीनाथ बंद होने से खत्म होती है यात्रा
बता दें कि 2022 में 19 दिंसबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद हो गये थे. इसी के साथ चारधाम यात्रा भी खत्म हो गयी थी. वहीं पिछले साल 17 लाख 60 हजार 646 श्रद्धालुओं ने बाबा बद्री विशाल के दर्शन किये थे. हर साल चार धाम यात्रा गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने से शुरू होती है और बाबा बद्री के कपाट बंद होने के साथ ही यात्रा समाप्त हो जाती है.
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