Ranchi: डीजीपी के वेतन को लेकर बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर चिंता जताई और महज कुछ घंटे में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने बाबूलाल मरांडी के ट्विट पर रिट्विट कर उनके सवाल का जवाब दे दिया. बाबूलाल मरांडी ने ट्विट किया कि सुना है कि राज्य पुलिस मुखिया यानी डीजीपी बिना वेतन के काम कर रहे हैं. महालेखाकार ने उन्हें 31 जनवरी यानी उनकी वास्तविक सेवा निवृत्ति के बाद वेतन पर्ची निर्गत ही नहीं किया है. जिस राज्य का डीजीपी बिना वेतन के काम करेगा वहां कोयला, बालू, पत्थर, जमीन की चोरी नहीं तो और क्या होगी?
डीजीपी को दो साल का मिला है एक्सटेंशन, 11.02.2023 तक है प्रभावी
बाबूलाल मरांडी के ट्विट पर जवाब देते हुए IPRD झारखंड ने लिखा कि हाईकोर्ट के प्रकाश सिंह जजमेंट के मुताबिक, नीरज सिन्हा को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), झारखण्ड के पद पर दो वर्षो का निर्धारित कार्यकाल (assured tenure) दिया गया है, जो 11.02.2023 तक प्रभावी है. इस प्रकार उनके सेवानिवृत्ति की तिथि 11.02.2023 है. ऐसी ही व्यवस्था बिहार समेत कई अन्य राज्यों में लागू है. आईपीआरडी ने कहा कि उनका अप्रैल 2022 तक का वेतन भुगतान हो चुका है.
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