- राजेंद्र प्रसाद ने कहा-पंचायत और नगर निगम चुनाव में ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराना उपेक्षा
- पूर्व मंत्री लालचंद महतो ने कहा-केंद्र के मत्थे धकेलना गलत, 20 को होगी मोर्चा की बैठक
Ranchi: राज्य सरकार द्वारा 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति तय करने और ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने संबंधी सरकार के निर्णय पर हमला किया है. मूलवासी-सदान मोर्चा केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि सरकार 1932 का खतियान लागू करे या 1964 का. इससे सरकार में शामिल किसी भी दल को लाभ नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि एक तरफ पिछड़ों की आरक्षण को बढ़ाने की बात सरकार करती है. वहीं दूसरी तरफ पंचायतों में पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना चुनाव कराती है. अब नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना चुनाव कराने की बात हो रही है. यह पिछड़ी जातियों को उनके अधिकारों से वंचित करने के साथ-साथ पिछड़ी जातियों की घोर उपेक्षा करने की षड्यंत्र जानबूझ कर की जा रही है.
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मोर्चा की हुई बैठक में प्रसाद ने कहा झारखंड के बहुसंख्यक सदान और 55 प्रतिशत आबादी वाली पिछड़ी जातियों की सरकार उपेक्षा करेगी तो मोर्चा इसका घोर विरोध करेगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में पिछड़ी जातियों की और सदानों की उपेक्षा बंद नहीं हुई, तो फिर आने वाले समय में इसकी खामियाजा सरकार में शामिल दलों को भी भुगतना पड़ेगा. प्रसाद ने कहा कि निकाय चुनाव से पहले पिछड़ी जातियों का आरक्षण निर्धारित हो इसके बाद ही निकाय चुनाव हो. राजेंद्र प्रसाद ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पिछड़ी जातियों की जनगणना, और राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति की सर्वेक्षण तुरंत करवाये. उन्होंने कहा सात जिलों में पिछड़ी जाति का आरक्षण शून्य है. उसमें तुरंत सुधार करने की आवश्यकता है. प्रसाद ने कहा जो राज्य सरकार के स्तर पर जो काम हो सकता है उस काम को करना चाहिए. उन्होंने कहा सरकार यदि सचमुच पिछड़ों और सदानों को उनका वाजिब हक दिलाना चाहती है तो इन सब बिंदुओं को यथा शीघ्र समाधान करे. बैठक में क्षीतीश कुमार राय, डॉ राम प्रसाद, डॉ करमचंद अहीर,महेंद्र ठाकुर, अमित कुमार साहू , ब्रज भूषण पाठक, मोहम्मद हुसैन अंसारी, इरफान अंसारी, अमित सिंह, बासुदेव महतो, प्रो. अरविंद कुमार,विशाल सिंह, मनीष देव, हरिनारायण यादव, अशोक नाग आदि शामिल थे.
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इधर, पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के राज्य स्तरीय बैठक पुराना विधानसभा अतिथि शाला में बुलाई गई है. जिसमें राज्य के सभी जिलों से पदाधिकारी भाग लेंगे. मोर्चा मुख्य संयोजक पूर्व मंत्री लालचंद महतो ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछड़ों का आरक्षण 27 प्रतिशत और स्थानीयता के लिए 1932 का खतियान विधानसभा प्रस्ताव विधानसभा पास कराया है. मगर राज्य में तत्काल लागू न करते हुए केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद 9 में शामिल करने के लिए प्रस्ताव को भेज दिया है. इस से स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार दोनों प्रस्ताव को प्रस्ताव को लागू करने नहीं जा रही है. यह राज्य के पिछड़ों के साथ एवं मुलवासियों के साथ एक धोखा है इस के अलावे राज्य सरकार निकाय चुनाव में भी पंचायत चुनाव के भांति पिछड़ों का आरक्षण समाप्त कर चुनाव कराने जा रही है.