Baharagora : बांस के उत्पादन में मशहूर चाकुलिया वन क्षेत्र के बहरागोड़ा में जमशेदपुर प्रमंडल वन रोपण द्वारा नेशनल बंबू मिशन के तहत बहरागोड़ा फॉरेस्ट गेस्ट हाउस में 30 लाख और चाकुलिया में 20 लाख रुपये की लागत से स्थापित बंबू प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट सुपर फ्लॉप हो गया है. पिछले दो साल से कमरों में बंद लाखों की मशीनें बर्बाद हो रही हैं. चाकुलिया विभागीय परिसर में तो इस मिशन के तहत बनाए गए शेड का छप्पर भी टूटने लगा है. भ्रष्टाचार की बुनियाद पर स्थापित इस प्रोजेक्ट की बदहाली पर वन विभाग के पदाधिकारी इसकी बर्बादी का तमाशा देख रहे हैं. सच्चाई तो यही सामने आ रही है कि इस मिशन के तहत काम शुरू ही नहीं हुआ. वन विभाग के पदाधिकारियों का तबादला होता रहा और यह मिशन सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गया. बहरागोड़ा में इसका उद्घाटन 13 अगस्त 2020 को विधायक समीर कुमार महंती ने किया था.
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अधिकारियों के बड़े-बड़े दावे और वादे हुए फेल
राष्ट्रीय बंबू मिशन को लेकर वन विभाग के अधिकारियों ने बड़े-बड़े दावे और वादे किए थे. लेकिन सभी दावे और वादे फेल हो गए. वन विभाग के तत्कालीन डीएफओ डॉ. अभिषेक कुमार के मीडिया में आए बयान में कहा गया था कि इस इस मिशन में विभिन्न प्रकार की 21 मशीनें लगाई गई हैं. इससे करीब 100 कारीगरों को रोजगार मिलेगा. बांस की कलाकारी में हुनर दिखाने वाले ग्रामीणों ने अब मशीन पर हाथ आजमाना शुरू कर दिया है. प्रथम चरण में बांस की चटाई बनाई जा रही है. एक साल में 67 लाख रुपये की बांस की सामग्रियों का उत्पादन और 51 लाख रुपये फायदे का खाका बनाया गया है. ग्रामीणों द्वारा बनाई गई बांस की विशेष प्रकार की चटाइयों की खरीदार बड़ी-बड़ी कंपनियां होंगी. इसके लिए उषा मार्टिन समेत कई कंपनियों से बातचीत चल रही है. इन कंपनियों में बड़े पैमाने पर बांस की चटाई का उपयोग बड़ी-बड़ी मशीनों की पैकिंग मेटेरियल के तौर पर होता है. इस योजना के मुताबिक प्रत्येक माह 30- 40 हजार चटाई का निर्माण किया जा सकेगा.
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बाहर के कारीगरों को बुलाकर स्थानीय कारीगरों को दिलाया जा रहा है प्रशिक्षण : डीएफओ
उन्होंने अपने बयान में कहा था कि चाकुलिया व बहरागोड़ा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बांस की खेती होती है. इसे पूरे भारत में भेजा जाता है. यही कारण है कि सरकार के निर्देश पर बांस को आधार बनाकर उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार व स्वरोजगार दिलाने के लिए जमशेदपुर वन प्रमंडल को 50 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए हैं. जमशेदपुर वन प्रमंडल ने इस राशि से बहरागोड़ा में बांस प्रसंस्करण इकाई और चाकुलिया में बांस हस्तकला इकाई का निर्माण किया है. यहां कारीगर व शिल्पकार बांस पर अपनी कला दिखा रहे हैं. चाकुलिया और बहरागोड़ा में बांस से बनाई जाने वाली सामग्रियां विश्वस्तर की हो, के लिए बाहर के कारीगरों को बुलाकर स्थानीय कारीगरों को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है.
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चाकुलिया में बनेंगे सोफा और पलंग
तत्कालीन डीएफओ डॉ कुमार ने कहा था कि चाकुलिया में हस्कला इकाई स्थापित की गयी है. जहां 100 से अधिक ग्रामीण बांस शिल्प कारीगरों द्वारा टोकरी, सूप, सोफा, टाटरा, झूला, पलंग, चटाई, चलनी, झुरी, जारी, बंबू ज्वेलरी, बंबू कंस्ट्रक्शन के अलावा अन्य सजावटी सामग्रियां बनाई जाएंगी. वहीं, चाकुलिया वन रोपण प्रभारी विमद कुमार ने कहा कि वन सुरक्षा समितियों के माध्यम से बांस से सामग्रियां बनाने का काम होता है. फिलहाल ग्रामीण कृषि कार्य में लगे हैं. इसलिए बांस सामग्रियों का उत्पादन नहीं हो रहा है.
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