Baharagora : बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्षों से बंद पड़ी लिफ्ट इरिगेशन योजनाएं अगर चालू हो जाए तो दर्जनों गांव में कृषि की तस्वीर और किसानों की तकदीर बदल जाएगी. मगर इन योजनाओं को चालू करने के दिशा में समुचित पहल नहीं हो रही है. स्वर्णरेखा नदी समेत अन्य छोटी नदियों का पानी बेकार बह जा रहा है और खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है. किसान मानसून के भरोसे हैं. विदित हो कि स्वर्णरेखा नदी के किनारे तथा अन्य कई जल स्रोतों के पास दो दर्जन से अधिक लिफ्ट इरिगेशन योजनाएं वर्षों से बंद पड़ी हैं. इन योजनाओं से स्वर्णरेखा नदी के किनारे बसी 10 पंचायत के गांव के किसान हजारों एकड़ खेत की सिंचाई कर सालों भर फसल उपजाते थे.
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किसान निजी स्तर से सिंचाई की व्यवस्था कर कर रहे खेती
इन योजनाओं का संचालन लघु सिंचाई विभाग के तहत होता था. वर्ष 1995 तक ऐसी तमाम योजनाएं बंद हो गयीं. आज भी कई जगहों पर इन योजनाओं के पंप हाउस और बोरिंग के अवशेष देखे जा सकते हैं. इन योजनाओं को चालू करने की दिशा में पिछले 20 वर्षों में कई विधायकों ने प्रयास किया परंतु. नतीजा सिफर ही रहा. ऐसी योजनाएं अगर चालू हों तो हजारों किसान लाभान्वित हो सकते हैं.
चाकुलिया के श्यामसुंदरपुर, बहरागोड़ा के गुहियापाल, सिरबोई, मधुआबेड़ा, बामडोल, डोमजुड़ी, जामशोला समेत अन्य जगहों पर इन योजनाओं के पंप हाउस और जमीन के अंदर पाइप लाइन सहज ही देखे जा सकते हैं. स्वर्णरेखा नदी का पानी पाइप से पंप हाउस में लाकर सिंचाई के लिए खेतों तक पहुंचाया जाता था. पंप हाउस में सरकारी ऑपरेटर हुआ करते थे. योजनाओं के बंद होने से किसानों के समक्ष सिंचाई की बड़ी समस्या है. किसान निजी स्तर से सिंचाई की व्यवस्था कर खेती करते हैं. क्षेत्र के किसान वर्षों से इन योजनाओं को चालू करने की मांग कर रहे हैं.