Ghatshila : बहरागोड़ा में पंचायत चुनाव 2022 मतगणना के साथ ही संपन्न हो गया. नवनिर्वाचित पंचायत समिति सदस्यों की घोषणा भी हो गई. वहीं, प्रखंड के 26 पंचायतों में 31 पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित घोषित किए गए हैं. अब इनमें से कौन किस दल का है, इस पर विचार-विमर्श का दौर शुरू हो गया है. साथ ही प्रखंड में अपने समर्थित पंचायत समिति सदस्यों को प्रमुख और उप प्रमुख बनाने को लेकर भाजपा और झामुमो के समर्थको में भी जोड़-तोड़ शुरू हो गई है. विदित हो कि प्रमुख का पद एसटी महिला के लिए आरक्षित है और उप प्रमुख का पद अन्य के लिए है.
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पंचायत चुनाव 2015 में समर्थको के बीच हुई थी वर्चस्व की जंग
पंचायत चुनाव 2015 में मतदान गणना के बाद प्रमुख और उप प्रमुख बनाने को लेकर भाजपा और झामुमो के समर्थको में वर्चस्व की जंग हुई थी. लेकिन झामुमो के समर्थको ने बाजी मार ली थी. 2015 के पंचायत चुनाव के वक्त झामुमो के विधायक कुणाल षाड़ंगी थे और पंचायत चुनाव में झामुमो के समर्थको का पलड़ा भारी था. काफी जोड़-तोड़ और उठापटक के बीच प्रमुख के पद पर झामुमो समर्थित मुटूरखाम पंचायत के पंचायत समिति सदस्य शास्त्री हेंब्रम और उप प्रमुख के पद पर साकरा पंचायत की पंचायत समिति सदस्य तत्कालीन झामुमो नेता निर्मल दुबे की पत्नी रूमा रानी दुबे काबिज हुई थीं.
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समर्थको के बीच होगा शह और मात का खेल
लेकिन इस पंचायत चुनाव में भाजपा के समर्थको का वर्चस्व कायम हुआ है और खासकर सांसद विद्युत वरण महतो और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी का जादू चला है. ऐसा माना जा रहा है कि प्रमुख और उप प्रमुख पद पर अपने समर्थित पंचायत समिति सदस्य को काबिज कराने के लिए दोनों दलों के समर्थको के बीच शह और मात का खेल होगा. हालांकि, इसमें भाजपा के समर्थको का पलड़ा भारी है. लेकिन इनकी गुटबाजी इसमें बाधक बन सकती है. फिलहाल अंदर ही अंदर इन दोनों दलों के बड़े नेता जोड़ और घटाव में जुट गए हैं.
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