Baharagora : बहरागोड़ा एनएच-49 और एनएच-18 का संगम स्थल है. यहां अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं. ऐसे में घायलों के उचित इलाज के लिए पूर्व मंत्री सह तत्कालीन विधायक डॉ. दिनेश षाड़ंगी ने एनएच के किनारे ट्रामा सेंटर की परिकल्पना की. वर्ष 2009 में एनएच-49 के किनारे माटिहाना में स्वास्थ्य विभाग के तहत 1.31 करोड़ स्वीकृत राज्य ट्रामा सेंटर का शिलान्यास डॉ. षाड़ंगी ने किया. वर्ष 2010 में इसका निर्माण भी पूरा हुआ, जो राज्य का पहला ट्रामा सेंटर बना. वर्ष 2011 में इसका उद्घाटन तत्कालीन विधायक विद्युत वरण महतो द्वारा किया गया. लेकिन विडंबना रही की यह ट्रामा सेंटर पूर्ण रूप से चालू नहीं हो सका. यह केवल दर्शन की वस्तु बनकर रह गया है.
इसे भी पढ़े : चाईबासा : सहायक प्रोफेसर और पूर्व प्रचार्य के आरोप-प्रत्यारोप वाले मामले पर कोल्हान विवि गंभीर
घायलों के उचित इलाज के लिए एकमात्र उपाय रेफर
विदित हो कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों का पदस्थापन ही नहीं किया गया. फिलहाल इस ट्रामा सेंटर में इलाज की उचित व्यवस्था भी नहीं है. जबकि दोनों राष्ट्रीय पथ पर एक आकलन के मुताबिक प्रत्येक दो दिन बाद एक सड़क दुर्घटना होती है और समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाये जाने व उचित इलाज के अभाव में मौत हो जाती है. घायलों के उचित इलाज का एकमात्र उपाय रेफर करना है. इस सप्ताह में ही एनएच पर अब तक तीन सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें एक की जान चली गई और तीन लोग घायल हुए. इसके बावजूद इस ट्रामा सेंटर को बेहतर तरीके से चालू करने की दिशा में जनप्रतिनिधि भी उचित प्रयास नहीं कर रहे.
इसे भी पढ़े : बॉक्स ऑफिस पर चला ‘ब्रह्मास्त्र’ का जादू, पहले दिन 37 करोड़ का किया बिजनेस
चिकित्सक और कर्मचारियों की कमी के कारण नहीं हो पा रहा सेंटर का बेहतर संचालन
जानकारी के मुताबिक इस ट्रामा सेंटर में एक सर्जन समेत 5 विशेषज्ञ चिकित्सक और 19 स्टॉफ का पद सृजित है. फिलहाल कुछ दिनों पूर्व इस ट्रामा सेंटर में एक चिकित्सक का पदस्थापन किया गया है. जबकि एक भी स्टॉफ का पदस्थापन नहीं है. बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ओपी चौधरी ने बताया कि ट्रामा सेंटर में एक चिकित्सक का पदस्थापन हुआ है. लेकिन एक भी स्टॉफ का नहीं. ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कि एक एएनएम और एक ड्रेसर को ट्रामा सेंटर में प्रतिनियुक्त किया गया है. उन्होंने बताया कि चिकित्सक और कर्मचारियों की कमी के कारण ट्रामा सेंटर का बेहतर संचालन नहीं हो पा रहा है.
इसे भी पढ़े : जमशेदपुर : बेंगलुरु जा रहे प्रेमी युगल को चक्रधरपुर RPF ने किया परिजनों के हवाले