Bahragora : झारखंड गठन के बाद तीन बार गांव की सरकार बनी, लेकिन बहरागोड़ा प्रखंड की मुटूरखाम पंचायत के कोंदर गांव के चिरगालडीह टोला के ग्रामीणों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हुआ. जनप्रतिनिधियों और नौकरशाहों की अनदेखी से इस टोला के ग्रामीण खाल में नहाने और खाल का पानी पीने को अभिशप्त हैं. पानी के लिए यहां चापाकल, कुआं या फिर सोलर आधारित जलापूर्ति योजना की व्यवस्था नहीं की गई. राष्ट्रीय उच्च पथ 18 से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित इस टोला में आठ आदिवासी परिवार रहते हैं.
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नहाने के लिए एक किलोमीटर दूर पोलपोला खाल जाते हैं ग्रामीण
नहाने के लिए ग्रामीणों को एक किलोमीटर की दूरी तय कर पोलपोला खाल में जाना पड़ता है. टोला से करीब 200 मीटर दूर एक गड्ढे में जमा पानी को यहां के ग्रामीण पेयजल के लिए इस्तेमाल करते हैं. गड्ढा झाड़ियों से भरा है और उसका पानी भी साफ नहीं है. इस टोला में बांस और लकड़ी के खंभों के सहारे बिजली पहुंच गई है. टोला के सावना मुर्मू और चातुर टुडू ने कहा कि टोला में पेयजल का कोई स्रोत नहीं है. वहीं दुलू मुर्मू, दुली टुडू समेत अन्य कई महिलाओं ने कहा कि नहाने के लिए उन्हें खाल जाना पड़ता है. वे गड्ढा का पानी पीने के लिए विवश हैं.