Saraikela / Kharsawan : सरायकेला, खरसावां व कुचाई के ग्रामीण क्षेत्रों में बंदना पर्व हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया. मौके पर लोगों ने अपने गौशालाओं में गाय-बैल की पूजा-अर्चना कर गौधन संवर्धन का संकल्प लिया. बांदना के त्योहार को पशु धन के सम्मान का त्योहार माना जाता है. बांदना के मौके पर गौशाला में महिलाओं द्वारा तरह-तरह की रंगोली बनायी गयी थी. गाय-बैलों को अलग अलग रंग लगा कर सजाया गया. गाय-बैल को धान की बाली से तैयार किये गये मुकुट को पहनाकर आरती उतारी गयी. इस मौके पर गौशाला में पूजा अर्चना की गई. इसके पश्चात गाय-बैल का बंदना उत्सव किया गया. जिसमें गाय-बैलों को सिंदूर-तेल लगाकर रात भर मांदर की थाप पर नृत्य कराया गया. इस दौरान गाय-बैल को भी बीच में खूंटा पर बांधकर नचाया गया. इस मौके पर घरों के साथ-साथ गौशाला में विशेष अल्पना बनाकर अपने खाने के लिये बनाये गये व्यंजनों में से कुछ व्यंजन गाय-बैलों को खिलाया गया. बांदना त्योहार लगभग हर घर में मनाया गया.