सिर्फ बरही में हर रोज करीब 200 कमर्शियल सिलेंडर की खपत
सरकार को करीब डेढ़ लाख रुपए का प्रतिदिन नुकसान
Jaideep Kumar
Barhi : बरही मुख्यालय सहित प्रखंड के अधिकांश क्षेत्रों में घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल होटलों और ढाबों में किया जा रहा है. इससे न केवल गैस एजेंसी बल्कि सरकार को भी राजस्व का चूना लग रहा है. परंतु इस दिशा में अब तक प्रशासनिक स्तर से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है. सिर्फ बरही में हर रोज करीब 200 कमर्शियल सिलेंडर की खपत होती है. होटलो-ढाबों आदि में कमर्शियल की जगह घरेलू सिलेंडर के उपयोग से सरकार को करीब डेढ़ लाख रुपए प्रतिदिन नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
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…तो ऐसे होता है गोरखधंधा
बरही-गया रोड स्थित तिरुपति गैस एजेंसी के संचालक उमेश ठाकुर ने बताया कि उनकी एजेंसी में करीब 30 कमर्शियल कनेक्शन हैं. इसमें रिफिल करवाने वाले की संख्या नहीं के बराबर हैं. इसका मुख्य कारण दूसरे क्षेत्र की एजेंसी की ओर से बरही में घरेलू गैस का धड़ल्ले से आपूर्ति होना है. इससे लोग 19 किलोग्राम के स्थान पर घरेलू सिलेंडर ही ऊंचे दर पर लेते हैं. यह कमर्शियल की तुलना में कम दर पर मिलते हैं. इस कारण एजेंसी का कमर्शियल सिलेंडर की खपत नहीं के बराबर होती है. इससे प्रति माह हजारों रुपए की क्षति हो रही है. इस दिशा में प्रशासन को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.
प्रति माह लाखों का नुकसान
आंकड़ों के अनुसार औसतन बड़े होटलों, ढाबे में प्रतिदिन तीन और छोटे होटल और ठेले पर एक से डेढ़ सिलेंडर की खपत है. बरही क्षेत्र में करीब एक दर्जन बड़े होटल, 50 ढाबा और सैकड़ों छोटे होटल व ठेले मौजूद हैं. इस प्रकार प्रतिदिन करीब 200 कमर्शियल सिलेंडर की खपत होने की उम्मीद है. आंकड़ों के अनुसार करीब छह से सात सौ रुपए प्रति सिलेंडर की दर से लगभग डेढ़ लाख रुपए का सरकार को प्रतिदिन नुकसान है. यह महीने में 45 से 50 लाख रुपए तक हो सकता है.
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क्या कहते हैं होटल संचालक
घरेलू गैस सिलेंडर के संबंध में होटल संचालकों का अपना मंतव्य है. खर्च की दृष्टि से राहत तो मिलती ही है, इसके साथ ही गैस सप्लायर आसानी से उनके प्रतिष्ठान तक गैस आपूर्ति कर देते हैं. कुछ ने तो यह भी बताया कि जब सस्ता माल मौजूद है तब महंगा क्यों लें ?
एसडीओ ने क्या कहा
घरेलू गैस का कमर्शियल उपयोग अवैध है. पकड़े जाने पर दंड का प्रावधान है. शीघ्र ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे.