NewDelhi : बाटला हाउस एनकाउंटर फिर सुर्खियों में है. मौलाना तौकीर रजा खां ने इस पर बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है. जान लें कि एनकाउंटर को लेकर लिखी गयी किताब में कई राज खोलने वाले ईडी के पूर्व डायरेक्टर और इस एनकाउंटर के समय दिल्ली पुलिस के ज्वाईंट कमिश्नर रहे करनैल सिंह एक इंटरव्यू के दौरान रोने लगे. करनैल सिंह ने कहा कि मोहन चंद शर्मा पर मौलाना तौकीर रजा खां ने जिस तरह का बयान दिया है. यह बहुत दुखद है. कहा कि हमारे देश में कुछ सेक्शन ऐसे नेताओं का है जो वोट बैंक की राजनीति करते हैं. विधानसभा चुनाव (2008) के समय भी ऐसा बयान दिया गया था. बाटला हाउस को लेकर ऐसा बयान उस समय दिया गया था,जब पांच राज्यों में चुनाव होना था.
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मौलाना ने बटला हाउस मुठभेड़ को फर्जी बताया था
बता दें कि बाटला हाउस एनकाउंटर पर आला हजरत बरेली शरीफ के मौलाना तौकीर रजा खान ने विवादित बयान दिया था. मौलाना ने बटला हाउस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए कहा कि मुठभेड़ में आतंकवादी नहीं मारे गये. इंस्पेक्टर महेश चंद्र शर्मा को पुलिसकर्मियों ने मार गिराया था. तौकीर ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उनसे वादा किया था कि 2009 में सरकार बनते ही सबसे पहले मुठभेड़ की जांच कराई जायेगी, लेकिन पार्टी ने ऐसा नहीं किया. मौलाना तौकीर रजा ने मांग की कि मुठभेड़ में मारे गये युवाओं को शहीद का दर्जा दिया जाये.
#WATCH| Congress had said to me that they would probe Batla House encounter if their govt is formed in 2009. Had there been a probe,world would have known those killed as terrorists should be given martyr status: Ittihad-e-Millat Council party chief Maulana Tauqeer R Khan (18.01) pic.twitter.com/kbZb2rK6Tf
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 19, 2022
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कोर्ट ने आतंकियों को सजा दी है
करनैल सिंह ने कहा कि बाटला हाउस की जांच क्राइम ब्रांच ने की थी. कोर्ट ने आतंकियों को सजा दी है. हमने मोहन चंद शर्मा अपना एक सबसे बेस्ट ऑफिसर खोया है. करनैल सिंह ने कहा कि हमारे देश मे एक नेशनल पॉलिसी होनी चाहिए. यह देश के लिए अच्छा नहीं है. यह उन फाइटर के लिए अच्छा नहीं है जो देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं. मोहन चंद शर्मा का पोस्टमार्टम हुआ था. आतंकी की गोली मैच हुई है. वही गोली मोहन चंद शर्मा को लगी थी.
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सुप्रीम कोर्ट तक ने एनकाउंटर को सही माना है
करनैल सिंह ने कहा कि एनएचआरसी (NHRC) हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ने एनकाउंटर को सही माना है. उसके बाबजूद वोट बैंक के लिये ऐसा बयान दिया जाता है. यह पाकिस्तान ISI का ऑपरेशन था. उस वक्त एक के बाद एक आतंकी ब्लास्ट कर रहे थे. यूपी, दिल्ली और गुजरात में ब्लास्ट हो रहे थे. तब हमने काम करना शुरू किया. कहा कि वे मोहन चंद शर्मा ही थे, जिन्होंने आतिफ को जीरो डाउन किया जो बटला हाउस में छुपा था.
मोहन चंद शर्मा जान हथेली पर लेकर अपने देश के लिए लड़ रहे थे
करनैल सिंह ने कहा कि इस एनकाउंटर में मोहन चंद शर्मा जान हथेली पर लेकर अपने देश के लिए लड़ रहा था. वो दिन मुझे याद है उस दिन तत्कालीन ग्रह मंत्री पुलिस हेडक्वार्टर में एक कार्यक्रम में आये थे. उसी वक्त मेरी टीम बटला हाउस जा रही थी. मैंने सीपी से अपने डीएसपी के साथ मौके पर जाने की परमिशन ली. मोहन चंद शर्मा का फोन आया था कि आतंकी छुपे हुए हैं. मैंने शर्मा को बेस्ट ऑफ लक कहा था.
आतंकी मारा जाता है, तो उसमें पुलिस का क्या दोष है
फिर कुछ देर बाद एसीपी संजीव यादव का रोते हुए फोन आया कि मोहन को गोली लग गयी. मैंने और फोर्स भेजी और मौके पर खुद रवाना हुआ. हमने फिर फायरिंग की और आतंकी मार गिराये. कुछ आतंकी पकड़े भी. मुझे अस्पताल का मंजर याद है जब संजय दत्त ने बताया कि अब मोहन चंद शर्मा नहीं बचेंगे, उनकी हालत बहुत खराब है. मैं जब मोहन चंद शर्मा के कमरे में गया, तब तक शर्मा नहीं रहे. मोहन चंद शर्मा की फैमिली के लिए यह दुखद है कि ऐसे बयान आते हैं. फायरिंग के दौरान अगर आतंकी मारा जाता है, तो उसमें पुलिस का क्या दोष है. पुलिस देश की हिफाजत के लिए आतंकी का सामना करती है.