BERMO : कोल इंडिया की मिनी रतन कंपनी सीसीएल ने अपने कर्मचारियों के आवासीय कॉलोनी की मरम्मती के लिए पिछले वर्ष कायाकल्प योजना के तहत 7 करोडों रूपये खर्च किये, मगर आज भी सीसीएल के मजदूर क्वार्टर की स्थिति काफी खराब दिख रही है. क्वार्टरों के छत से बरसात में पानी टपकता ही रहता है, शौचालय का मलमूत्र सीधे बाहर नाली में बहता है.
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अधिकारियों ने कंपनी के सपना को चकनाचूर कर दिया
कंपनी ने यह सोचकर करोडों रूपये खर्च किये थे कि अधिकारियों की तरह मजदूर भी सुव्यवस्थित आवास में सम्मान के साथ रह सके, लेकिन अधिकारियों ने कंपनी के सपना को चकनाचूर कर दिया. मजदूर के रहने के लिए बना क्वार्टर की स्थिति आज भी काफी दैनिये है. बेरमो कोयलाचंल के कथारा सीसीएल प्रक्षेत्र अन्तर्गत स्वांग गोविन्दपुर परियोजना के स्वांग कॉलोनी के 440 क्वार्टर की मरम्मती के लिए पिछले वर्ष 2018 में करीब 6 करोड 97 लाख 57 हजार 282 रूपये का अवार्ड किया था. इस राशि से मजदूरों के क्वार्टर को विशेष रूप से मरम्मती के लिए राशि आवंटित की गई थी. लेकिन सीसीएल का यह सपना अधूरा ही रह गया.
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डबल स्टोरी क्वार्टर में टपकता है पानी
आज भी स्वांग गोविन्दपुर में कार्यरत मजदूर ठगा हुआ महसूस करते हैं. जब लगातार के संवाददाता ने आवासीय कॉलोनी का जायजा लिया और मजदूरों से बात की तो उन्होंने अपनी वेदना प्रकट की और कहा कि खर्च जरूर हुये लेकिन अपेक्षित परिवर्तन नही हुआ. क्वार्टर नम्बर NMT DS/ 5, 6,8, 14, 15, एवं न्यू माइनर्स के डबल स्टोरी क्वार्टर में एपीपी होने के बाद भी पानी टपकता है. इसी प्रकार स्वांग कोलियरी के ए टाइप कॉलोनी में सडक बनते के साथ ही टूट गई। वहीं हजारी मोड स्थित स्वांग वाशरी के टाईप टू लगभग सभी क्वार्टर के काम अधूरा है. क्वार्टर नंबर एनएम 29 का सेप्टी टैंक का चेम्बर पाइप नही लगा है. मलमूत्र सीधे बाहर सड़क पर बहता है.
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पुराना दरवाजा खोलकर स्टोर में जमा नहीं हुआ
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि संवेदक काम करने के दौरान क्वार्टर के पुराना दरवाजा खोलकर स्टोर में जमा करने के बजाय उसे बेंच कर लाखों रूपये की कमायी कर लिया है. जबकि दिखाने के लिए कुछ टूटे फूटे दरवाजा को स्टोर में रखा है, जिसे खानापूर्ति की जा सके. इस संबंध में राज्य के पूर्व मंत्री व गोमिया के पूर्व विधायक माधव लाल सिंह ने सीसीएल के सीएमडी एमपी प्रसाद से दूरभाष पर बात कर जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
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