Bermo : बेरमो कोयलांचल के सीसीएल में एक बेटी इंसाफ के लिए दर- दर भटक रही है. वह अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगा चुकी है, लेकिन उसकी फरियाद कोई सुनने वाला नहीं. मामला सीसीएल के कथारा क्षेत्र अंतर्गत स्वांग वाशरी परियोजना से जुड़ा है. विधवा माया देवी के पति भोला कोल सीसीएल के जारंगडीह कोलियरी में कार्यरत था. उसका निधन हो चुका है. पति के निधन के बाद वह अनुकंपा के आधार पर बहाल हुई. उसे स्वांग वाशरी में काम दिया गया. विधवा का परिचय बेरमो के संडे बाजार निवासी शादीशुदा वसीम खान नामक एक व्यक्ति से था. वसीम विधवा के घर आना जाना करता था. भोला कोल के निधन के बाद वसीम खान का विधवा के घर आना जाना और बढ़ गया. यह आरोप विधवा की एकमात्र पुत्री अनुराधा कुमारी ने लगाया है.
क्या है मामला
अनुराधा कुमारी का आरोप है कि उसके पिता भोला कोल सीसीएल के जारंगडीह कोलियरी में कार्यरत थे. उनका निधन वर्ष 2016 में 25 मार्च को हुआ. सीसीएल प्रावधान के अनुसार उसकी मां माया देवी को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल गई. उसकी मां सीसीएल के स्वांग वाशरी में काम करने लगी. विधवा को स्वांग हजारी मोड़ स्थित बी टाइप क्वार्टर रहने के लिए दिया गया. अनुराधा कुमारी अपनी मां के साथ इस क्वार्टर में रहने लगी. पिता के जीवित रहते समय वह जारंगडीह स्थित क्वार्टर में रहती थी. वसीम खान कभी कभार जारंगडीह क्वार्टर में आना जाना करता था. वसीम खान उम्र में विधवा से करीब 10 वर्ष छोटा है. नौकरी और रुपए के लोभ में वह विधवा को जाल में फंसाकर वर्ष 2020 में कोर्ट में शादी कर लिया. शादी के तुरंत बाद वसीम खान ने माया देवी के सर्विस बुक में पति के रूप में अपना नाम भी दर्ज करा लिया. नाम दर्ज कराने के बाद वह माया देवी को प्रताड़ित करने लगा. उसकी प्रताड़ना से तंग आकर महिला बीमार रहने लगी. एक दिन वसीम खान ने अनुराधा कुमारी को मोबाइल पर बताया कि उसकी मां बीमार है. उसे रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती किया गया है. अनुराधा मां को देखने अस्पताल गई तो वह वह गंभीर हालत में दिखी. 8 नवम्बर 2021 को उसकी मां का निधन हो गया.
वसीम खान अस्पताल में भी अपना नाम पति के रूप में दर्ज करवाया था. माया देवी की मौत के बाद वसीम खान ने सीसीएल में नौकरी के लिए आवेदन दिया. सीसीएल के अधिकारियों ने उसकी फाइल को आगे बढ़ाया. वसीम की हरकत को देखकर अनुराधा सीसीएल के कार्मिक प्रबंधक, पीओ और जीएम से मुलाकात कर लिखित शिकायत की. शिकायत के बाद भी अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की.
अनुराधा का कहना है कि नौकरी के लिए मांगे जाने वाले कागजातों की जांच सीसीएल अधिकारियों ने की होती तो वसीम खान के साजिश का पता चलता. पिता के सर्विस बुक में उत्तराधिकारी के तौर पर अनुराधा कुमारी का नाम दर्ज है. सीसीएल के अधिकारियों ने कागजातों की जांच करना मुनासिब नहीं समझा. वसीम खान ने सीसीएल प्रबंधन को फर्जी कागजात पेश किया कि महिला का कोई संतान नहीं है. जबकि सच्चाई यह है कि पिता के समय से उसकी बेटी सर्विस बुक में उत्तराधिकारी है. अनुराधा इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है.
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